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हाथरस भगदड़ः CM योगी बोले- यह साजिश जैसा, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे जांच

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Manish Kumar
Manish Kumarhttps://chauthakhambha.com/
मनीष आधुनिक पत्रकारिता के इस डिजिटल माध्यम को अच्छी तरह समझते हैं। इसके पीछे उनका करीब 16 वर्ष का अनुभव ही वजह है। वे दैनिक भास्कर, नईदुनिया जैसे संस्थानों की वेबसाइट में काफ़ी समय तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। देशगांव डॉट कॉम और न्यूज निब (शॉर्ट न्यूज ऐप) की मुख्य टीम का हिस्सा रहे। मनीष फैक्ट चैकिंग में निपुण हैं। वे गूगल न्यूज इनिशिएटिव व डाटालीड्स के संयुक्त कार्यक्रम फैक्टशाला के सर्टिफाइट फैक्ट चेकर व ट्रेनर हैं। भोपाल के माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुके मनीष मानते हैं कि गांव और शहर की खबरों को जोड़ने के लिए मीडिया में माध्यमों की लगातार ज़रूरत है।

Hathras Stampede: हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के फुलरई गांव में मंगलवार की दोपहर 1 बजे बाबा नारायण साकार विश्‍व हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है।

हाथरस, अलीगढ़, एटा और आगरा में रात भर शवों का पोस्टमॉर्टम हुआ और परिजन अपनों की डेड बॉडी को लेकर इधर-उधर भटकते रहे। जिला प्रशासन ने अब तक 121 मौत की पुष्टि कर दी है।

बुधवार 3 जुलाई को सुबह साढ़े 11 बजे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हाथरस पहुंचे और जिला अस्पताल में घायलों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना।

इसके साथ ही सीएम योगी ने घटनास्थल का दौरा किया और अधिकारियों से हादसे से संबंधित सारी जानकारी ली।

इसके बाद सीएम योगी ने हाथरस हादसे (Hathras Stampede) को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने कहा कि यह हादसा साजिश जैसा है।

लोग मरते गए औऱ सेवादार वहां से भाग गए। उन्होंने न तो प्रशासन को सूचना दी और न ही हादसे में घायल लोगों की मदद की।

इतना ही नहीं, प्रशासन की टीम जब पहुंची तो सेवादारों ने उन्हें आगे जाने नहीं दिया। मामले को दबाने का प्रयास किया।

जब हादसा बड़ा हो गया तो वहां से भाग निकले। होना यह चाहिए था कि अगर हादसा था तो सेवादारों को लोगों को हॉस्पिटल पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी।

सीएम योगी ने कहा कि हमने भी कुंभ जैसे बड़े आयोजन किए, लेकिन ऐसी चीजें नहीं आईं।

उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोगों की प्रवृत्ति होती है कि इस प्रकार (Hathras Stampede) के दुखद और दर्दनाक घटनाओं में भी वो राजनीति ढूंढते हैं।

सीएम योगी ने मीडिया को जानकारी दी कि हादसे की जांच के लिए SIT का गठन किया गया है।

इसके साथ ही हाईकोर्ट के रिटायर जज, पुलिस के सीनियर रिटायर ऑफिसर की टीम भी मामले की जांच करेगी, जो भी दोषी होगा, उसको सजा दी जाएगी।

इस बीच, हाथरस हादसे (Hathras Stampede) में प्रशासन की पहली रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि सत्संग में हादसा भोले बाबा के चरणों की धूल लेने की वजह से हुआ। बाबा के सेवादारों ने लोगों से धक्का-मुक्की की जिससे भगदड़ मच गई।

जानकारी के मुताबिक, प्रशासन ने सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन ढाई लाख लोग पहुंच गए थे। भगदड़ हुई तो सेवादार गेट पर खड़े हो गए।

उन्होंने लोगों को रोक दिया। इसके बाद भीड़ खेतों की तरफ भीड़ मुड़ गई और नीचे बैठे और झुके श्रद्धालुओं को कुचलती हुई निकल गई।

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