Carnivore Diet: वजन कम करने और मसल्स बनाने में हाई प्रोटीन और लो कार्ब्स डाइट अहम भूमिका निभाती है।
आजकल मसल्स बनाने का शौक हर किसी को है इसलिए कार्निवोर डाइट का चलन बढ़ रहा है।
चूंकि हाई प्रोटीन डाइट हेल्थ के लिए फायदेमंद मानी जाती है इसलिए लोग हाई प्रोटीन के लिए इन दिनों कार्निवोर डाइट फॉलो कर रहे हैं ताकि शरीर में मसल्स को बिल्डअप करने में प्रोटीन अधिक सक्रिय भूमिका निभा पाएं।
कार्निवोर डाइट क्या होती है
- कार्निवोर डाइट एक प्रकार की जीरो कार्ब्स डाइट है जिस में प्रोटीन और फैट शामिल किया जाता है। कार्निवोर डाइट पूरी तरह से मांसाहारी डाइट है। इससे कई हेल्थ प्रॉब्लम्स से छुटकारा मिल जाता है।
- कार्निवोर डाइट बेहद स्ट्रिक्ट और मुश्किल डाइट होती है जिसे स्ट्रिकली फौलो करना पड़ता है। जो लोग कीटो डाइट नहीं अपना पाते वे भी इस डाइट का चुनाव कर सकते हैं।
- इस डाइट में केवल ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाता है जो मांस से संबंधित होते हैं जैसे चिकन, मछली और अंडे।
- इस डाइट का वजन कम करने और ऑटोइम्यून स्थिति को सुधारने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह हाई प्रोटीन डाइट होने की वजह से मसल्स को तेजी से टोन करती है जिससे व्यक्ति स्लिम और फिट नजर आता है।
- इस डाइट में लैक्टोज वाले डेयरी पदार्थों के सेवन को खत्म या सीमित करने की सलाह दी जाती है जैसे कि दूध और डेयरी उत्पादों में पाए जाने वाला शुगर इत्यादि।
- इस डाइट में फल और सब्जियों का पूरी तरह से परहेज किया जाता है।
- यह डाइट, डायबिटिक लोगों की ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है क्योंकि हाई प्रोटीन देकर शरीर को बार-बार होने वाली क्रेविंग से बचाया जाता है।
कार्निवोर डाइट में क्या खाएं और क्या नहीं
- कार्निवोर डाइट में इन चीजों से परहेज करने की सलाह दी जाती है जैसे- सब्जियां, फल, सीड्स, नट्स, अनाज, पास्ता, अल्कोहल।
- इस डाइट में मुख्य रूप से मांस से संबंधित फूड आइटम्स को शामिल किया जा सकता है। जैसे- अंडे, मांस, चिकन, बोन मैरो बोन मैरो सूप, घी, बटर, मछली, क्रेब, प्रान आदि।
कार्निवोर डाइट के फायदे
- कार्निवोर डाइट वजन घटाने से लेकर टेस्टोस्टेरौन के हाई लेवल को कंट्रोल करने में भी फायदेमंद हो सकती है।
- यह एक एंटीइनफ्लैमेटरी डाइट होती है जो एंग्जौइटी, चिंता, आर्थ्राइटिस, डायबिटीज और मोटापे से छुटकारा दिला सकती है।
कार्निवोर डाइट के नुकसान
- इसमें फैट, कोलेस्ट्रॉल और सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है।
- कुछ सूक्ष्म पोषक तत्त्वों और लाभकारी चीजों की कमी हो सकती है।
- शरीर को सही मात्रा में फाइबर नहीं मिल पाता है।
नोट- ये जानकारी सिर्फ आलेखों के आधार पर है।
ऊपर बताए गए किसी भी टिप्स को फॉलो करने से पहले किसी हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।