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GST 2.0: सजना-संवरना, घूमना और खाना होगा सस्ता, दिवाली से पहले ही लागू होंगे नए नियम

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Diwali Gift GST: 2025 में दिवाली का त्यौहार 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

ये हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार है, जिसके लिए लोग साल भर इंतजार करते हैं।

इस त्यौहार को एक नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस मौके पर लोग एक-दूसरे तो तोहफे भी देते हैं।

मगर इस साल की दिवाली भारतीय मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ी खुशखबरी लेकर आई है।

भारत सरकार ने दिवाली से 1 महीने पहले ही जनता को GST के नियमों में संशोधन कर एक बड़ा तोहफा दे दिया है।

क्योंकि इसका सीधा असर आम आदमी के घरेलू बजट और उसकी निजी जिंदगी पर पड़ेगा।

आइए जानते हैं सरकार ने GST के नियमों में क्या बड़े बदलाव किए हैं…

दिवाली से पहले मोदी सरकार का बड़ा तोहफा

भारत सरकार ने आम जनता, किसानों, छोटे व्यापारियों और मध्यम वर्ग के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के ढाँचे में बड़े बदलाव किए हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक के बाद घोषणा की कि अब देश में जीएसटी के केवल दो स्लैब रहेंगे – 5% और 18%।

पहले के 12% और 28% के स्लैब को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है।

साथ ही, रोजमर्रा की जरूरत की दर्जनों वस्तुओं पर जीएसटी को पूरी तरह से शून्य यानी 0% कर दिया गया है।

ये सभी बदलाव 22 सितंबर, 2025 से लागू हो जाएंगे, जिससे दिवाली से पहले ही लोगों को सस्ते सामान मिलना शुरू हो जाएंगे।

जानें क्या है विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) चुनाव आयोग का कहना है कि वोटर लिस्ट को पारदर्शी बनाने के लिए समय-समय पर उसका पुनरीक्षण करना जरूरी होता है, ताकि इसमें शामिल अयोग्य व्यक्तियों को हटाकर चुनाव की शुचिता को बढ़ाया जा सके. चुनाव आयोग ने बीते दिन SIR पर हो रहे विरोध पर जवाब देते हुए इसका महत्व समझाया था. ‘शादी करने से बच्चा पैदा होता है, घर पर सोने से नहीं…’, पीएम मोदी पर ये क्या बोल गए मल्लिकार्जुन खरगे, बवाल मचना तय चुनाव आयोग ने कहा कि भारत का संविधान भारतीय लोकतंत्र की जननी है. क्या इन बातों से डरकर, निर्वाचन आयोग को कुछ लोगों के बहकावे में आकर और संविधान के खिलाफ जाकर फर्जी वोट डालने पर आंखें मूंदे रहना चाहिए. आयोग ने सवाल उठाते हुए कहा कि पहले बिहार में, फिर पूरे देश में, मृतक मतदाताओं, स्थायी रूप से पलायन कर चुके मतदाताओं, दो स्थानों पर वोट दर्ज कराने वाले मतदाताओं और विदेशी मतदाताओं के नाम पर फर्जी वोट डालने नहीं दे सकते.
PM Modi

आम आदमी की जेब पर पड़ेगा असर: इन चीजों पर अब नहीं लगेगा कोई टैक्स

इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा आम घरों की रसोई को होगा।

अब तक जिन खाद्य पदार्थों पर 5% से 18% तक का टैक्स लगता था, उन्हें पूरी तरह से टैक्स-फ्री कर दिया गया है।

इसका मतलब है कि अब ये चीजें पहले के मुकाबले काफी सस्ती होंगी। इनमें शामिल हैं:

  • दूध और दूध से बने उत्पाद: यूएचटी (UHT) दूध, पनीर, छेना अब बिना किसी टैक्स के उपलब्ध होंगे।
  • रेडी-टू-ईट खाद्य पदार्थ: ब्रेड, रेडी-टू-ईट रोटी, पराठा और नान जैसे उत्पादों पर अब 0% जीएसटी होगा। यह फैसला उन लाखों परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है जो समय की कमी के चलते इन रेडी-टू-ईट चीजों पर निर्भर हैं।
  • पिज्जा ब्रेड: पिज्जा बेस के तौर पर इस्तेमाल होने वाला पिज्जा ब्रेड भी अब टैक्स-फ्री होगा।

छात्रों को राहत

इसके अलावा, शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ी राहत मिली है।

छात्रों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले लगभग सभी जरूरी सामान अब टैक्स-फ्री होंगे।

इनमें पेंसिल, कटर, रबड़, नोटबुक, प्रैक्टिस बुक, ग्राफ बुक, लैब नोटबुक, एटलस, ग्लोब और नक्शे जैसी चीजें शामिल हैं।

इससे शिक्षा का खर्च थोड़ा कम होगा और माता-पिता को राहत मिलेगी।

स्वास्थ्य बीमा से लेकर एसी-कार तक: इन पर भी घटेगा टैक्स का बोझ

नए जीएसटी ढाँचे में सिर्फ रोजमर्रा की चीजें ही नहीं, बल्कि बड़े और जरूरी खर्चों पर भी टैक्स कम किया गया है:

  • सिनेमा टिकट: 100 रुपये तक के सिनेमा टिकटों पर जीएसटी घटाकर महज 5% कर दिया गया है (पहले 12% था)। हालांकि, 100 रुपये से ज्यादा की टिकटों पर 18% का ही टैक्स लगेगा।

  • होटल बुकिंग: अब होटल के कमरे का किराया 1000 रुपये प्रतिदिन से कम होने पर उस पर जीएसटी की दर घटाकर 5% कर दी गई है (पहले 12% थी)।

  • सैलून और स्पा सेवाएं: ब्यूटी पार्लर (सैलून) पर भी जीएसटी घटाकर 5% कर दिया है। इसके अलावा, फिटनेस और सेहत से जुड़ी सेवाएं जैसे जिम की सदस्यता, नाई की दुकान और योगा क्लासेज पर भी टैक्स 18% से कम होकर अब 5% होगा।

  • हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस: व्यक्तिगत और परिवार के स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) प्रीमियम पर लगने वाला 18% का टैक्स अब पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। इसी तरह, जीवन बीमा (Life Insurance) की प्रीमियम राशि पर भी 0% जीएसटी लागू होगा। इससे बीमा लेना ज्यादा सस्ता और सुलभ होगा और ज्यादा से ज्यादा लोग अपने और अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित कर पाएंगे।
  • सीमेंट और घरेलू सामान: घर बनाने और मरम्मत के काम आने वाले सीमेंट पर टैक्स 28% से घटाकर 18% किया गया है, जिससे निर्माण लागत में थोड़ी कमी आएगी। इसके अलावा, टीवी, रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर (AC) जैसे बड़े उपकरण भी अब 28% के बजाय 18% के स्लैब में आ जाएंगे, जिससे ये सस्ते होंगे।
  • ऑटोमोबाइल सेक्टर: छोटी कारें और 350cc तक की मोटरसाइकिलें अब 28% के भारी टैक्स से मुक्त होकर 18% के स्लैब में आ गई हैं। इसके अलावा, ऑटो पार्ट्स और थ्री-व्हीलर वाहनों पर भी टैक्स 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है।

कुछ चीजें होंगी महंगी, सरकार का फोकस जनकल्याण पर

सरकार ने कुछ ऐसी चीजों पर टैक्स बढ़ाने का भी फैसला किया है जिन्हें ‘सिन गुड्स’ (Sin Goods) या लक्जरी आइटम की श्रेणी में रखा जाता है।

कैसीनो, रेस क्लब और आईपीएल (IPL) जैसे बड़े खेल आयोजनों में टिकटों पर टैक्स 28% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है।

इसका मकसद इनसे अच्छा राजस्व हासिल करना और लोगों को इनसे दूर रहने के लिए प्रेरित करना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया ट्वीट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ये बदलाव आम जनता, किसानों, एमएसएमई, महिलाओं और युवाओं सभी के जीवन को बेहतर बनाएंगे और व्यवसाय करना आसान करेंगे।

उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए अपने वादे को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

सरकार के राजस्व पर असर

वित्त मंत्री ने माना कि शुरुआत में सरकार के राजस्व में कुछ कमी आ सकती है, लेकिन उनका मानना है कि खपत बढ़ने और टैक्स चोरी कम होने से लंबे समय में इसकी भरपाई हो जाएगी।

कुल मिलाकर, यह फैसला आम आदमी की जेब पर पड़ने वाले बोझ को कम करने और देश की अर्थव्यवस्था को गति देने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।

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