Panipuri Can Cause Cancer: भारत में शायद ही कोई ऐसा शख्स हो जिसे पानीपुरी या गोलगप्पे खाना पसंद न हो। क्या बच्चे क्या बड़े हर कोई इस पानीपुरी का दीवाना है।
लेकिन अब पानीपुरी को लेकर जो खबर सामने आई है वो बेहद चौंकाने वाली हैं। क्योंकि ये टेस्टी गोलगप्पे कैंसर का कारण भी बन सकते हैं।
कर्नाटक में बैन हुई पानीपुरी
कुछ दिन पहले ही कर्नाटक में पानीपुरी पर बैन लगाया गया है जिसका कारण है, इसमें पाए गए हानिकारण तत्व
दरअसल, कर्नाटक में स्वास्थ्य विभाग का एक सर्वे हुआ, जिसमें कई सैंपल फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स पर खरे नहीं उतरे। जिनमें पानीपुरी भी शामिल है।
कर्नाटक में स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में कई स्थानों से पानीपुरी के करीब 250 सैंपल जुटाए थे। जिसमें से 40 सैंपल जांच में फेल हो गए।
पानीपुरी में कैंसर के केमिकल
जांच के दौरान इन नमूनों में कैंसर का कारण बनने वाले केमिकल मिले हैं। इनमें ब्रिलिएंट ब्लू, टारट्रैजीन और सनसेट येलो का नाम शामिल है।
कहा जाता है कि खाद्य सामग्री में पाए जाने वाले इन केमिकल का नियमित रूप से सेवन अंग भी खराब कर सकता है। ये केमिकल न सिर्फ पेट से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकते हैं, बल्कि कैंसर, दिल से जुड़ी बीमारी, स्किन एलर्जी और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं।
अब पानी पुरी में कैंसर पैदा करने वाले तत्वों के इस्तेमाल की जांच की जा रही है।
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लिवर पर पानीपुरी का खतरनाक असर
पानीपुरी लिवर को भी डैमेज कर सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि पानीपुरी वाले बासी मावे और आर्टिफिशयल रंग मिलाकर हरा, टेस्टी, चटखारेदार पानी आपको परोसते हैं। जो आंतों के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है।
आंतों के कैंसर का खतरा
अगर ठेले वाला सफाई का ध्यान न रखे और खुले हाथों से ही पानीपुरी खिलाए तो सोचिए कि आपके पेट में कितनी गंदगी जा रही है। जो आंतों के कैंसर का कारण भी बन सकती है।
पानी को बनाने का तरीका भी खतरनाक
पानीपुरी से ज्यादा लोग उसका पानी पीना पसंद करते हैं ऐसे में इतना सारा पानी बनाने के लिए कोई भी असली चीजों का इस्तेमाल नहीं कर सकता, क्योंकि उसमें बहुत खर्चा होगा।
ऐसे में कुछ ठेले वाले धनिया, पुदीना, चटनी की जगह गोलगप्पे का पानी बनाने के लिए आर्टिफिशयल रंग और बासी चीजों का इस्तेमाल करते हैं।
ये बाजारू कलर आपके शरीर में जमते रहते हैं और कैंसर की वजह बन सकते हैं।
बीपी के मरीजों के लिए भी अच्छा नहीं
अगर आप ब्लडप्रेशर के मरीज हैं तो भी पानीपुरी खाने से बचे। पानीपुरी के पानी में बहुत ज्यादा नमक का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे शरीर को नुकसान होता है।
साथ ही पूरी को कई बार इस्तेमाल किए गए तेल में तला जाता है जो सेहत के लिए अच्छा नहीं है।
कॉटन कैंडी, गोभी मंचूरियन और कबाब पर भी बैन
इससे पहले कर्नाटक में कॉटन कैंडी, गोभी मंचूरियन और कबाब बनाने में आर्टिफिशियल कलर एजेंट रोडामाइन-बी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
क्योंकि इन आर्टिफिशिल रंगों में मौजूद केमिकल हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं।
तमिलनाडु और पुदुचेरी में बैन कॉटन कैंडी
इससे पहले फरवरी में तमिलनाडु और पुदुचेरी में कॉटन कैंडी के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया था।
कॉटन कैंडी से क्या-क्या नुकसान
गुलाबी रंग की कॉटन कैंडी में रोडोमाइन-बी केमिकल है, जबकि नीली रंग की कैंडी में रोडोमाइन-बी के साथ एक और अज्ञात रसायन मिलाया जाता है।
स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, रोडोमाइन-बी एक डाई है, जिसका इस्तेमाल चमड़े को रंगने से लेकर कागज की छपाई तक में किया जाता है।
यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक है और शरीर में जाने के बाद इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
इसे खाने से पेट फूलना, खुजली और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
अगर लंबे समय तक रोडामाइन-बी का सेवन किया गया तो यह शरीर के अंदर किडनी, लिवर और आंत में जमा हो सकता है।
इससे किडनी और लिवर को नुकसान पहुंचने के साथ ही आंत में कैंसर भी हो सकता है।
कर्नाटक में हैं सजा का प्रावधान
जून के अंत में कर्नाटक के खाद्य सुरक्षा और मानक विभाग ने पूरे राज्य में चिकन कबाब, मछली और सब्जियों के व्यंजनों में आर्टिफिशियल रंगों का उपयोग करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना और 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का आदेश भी पारित किया था।
आपको रहना होगा अलर्ट
हालांकि, इन चीजों पर बैन सिर्फ कुछ ही राज्यों में लगा है लेकिन सेहत की खातिक आपको खुद ही अलर्ट रहना होगा। क्योंकि बात सिर्फ आपकी ही नहीं आपके परिवार की भी है, जिनका ख्याल रखना आपकी जिम्मेदारी है।
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