हरे-भरे पौधों के लिए गर्मी मुसीबत बन कर आती है। जिससे ये सूखने लगते हैं और इनके पत्ते भी पीले पड़ने लगते हैं। ऐसे मे इन्हें पानी एवं खाद देकर ही तरोताजा रखा जा सकता है। ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता कि गर्मी पौधों में पानी कब-कब और किस प्रकार दिया जाना चाहिए। जिससे पौधों को सही ढंग से पानी नहीं मिल पाता और वो मुरझाने लगते है। ऐसे में इन टिप्स को अपनाकर आप अपने घर के बगीचे को गुलजार बना सकते हैं।
1. घर का गार्डन गर्मी के दिनों में भी फूलों से सजा-संवरा रहे इसके लिए ऐसे फूल लगाने चाहिए जो गर्मी के दिनों में भी खिले रहते हैं।
2. पौधों को सींचने के लिए प्लास्टिक से बने फौव्वारे का उपयोग करना चाहिए। घर में गमले रखें हो तो दिन में दो बार पानी डालें। अगर एक दिन छोड़कर पानी देते हैं तो गमले में पानी भरना होगा।
3. इस मौसम में सुबह जल्दी और शाम को देर से पानी देना चाहिए। क्योंकि इस समय वास्पीकृत की प्रक्रिया धीमी होती है। कड़ी धूप में पानी देने से पौधों की कोमल पत्तियां झुलस जाती है। तेज धूप में पौधे जिस तापमान में होते हैं, पानी देने से उनका तापमान एकाएक बदल जाता है। यह स्थिति पौधों पर विपरित प्रभाव डालती है।
4. इन दिनों में पौधों को उचित खाद और पोषण देने के लिए रासायनिक खाद के इस्तेमाल पर भी मत भिन्नता रहती है। आमतौर पर रासायनिक खाद पौधों के भीतर जाकर गर्मी पैदा करती है। इस मौसम में आर्गेनिक खाद ज्यादा बेहतर होती है। हालांकि इस खाद में ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है। रासायनिक खाद के कारण पौधे तेजी से बढ़ते हैं, इससे पौधों पर उल्टा असर पड़ता है।
5. पौधों को जीवाणुओं से बचाने के लिए कीटनाशक का भी छिड़काव करना चाहिए।
6. पौधों में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम युक्त खाद देनी चाहिए। साथ ही बोरोन, जिंक, लीथियस जैसे पोशक तत्व भी जरूरी हैं। ऐसी तैयार खाद नर्सरी आदि में उपलब्ध होती है।
7. बड़े गार्डन में पेड़ भी लगाने चाहिए, इससे वातावरण ठंडा रहता है।
8. गार्डन की लान में घास भी तेज धूप से प्रभावित होती है। वैसे भी घास ज्यादा गर्मी और ज्यादा ठंड में खराब हो जाती है। आमतौर पर घास विदेशी वनस्पति की होती है जो भारतीय मौसम में प्रभावित हो जाती है। गर्मी में घास को बड़ी रखनी चाहिए। बड़ी घास जड़ को अपनी छाया से सुरक्षित रखती है।