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World No Tobacco Day: नपुसंकता और बांझपन का कारण बन सकता है तंबाकू

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

31 मई को हर साल World No-Tobacco Day मनाया जाता है। ताकि लोगों में अवेयरनेस फैले और लोग तंबाकू के खतरों को जान सके लेकिन अभी भी एक बड़ा वर्ग इसके खतरों से अंजान है। तभी तो हर साल तंबाकू से कई मौतें होती है।

तंबाकू के लगातार सेवन से न सिर्फ कैंसर जैसी बीमारी होती है बल्कि इसके साथ ही मनुष्य नपुंसकता का भी शिकार हो सकता है, क्योंकि तंबाकू खाने से दिमाग और नर्व सिस्टम कमजोर हो जाता है, इससे इंसान के दिमाग से लेकर सेक्स लाइफ तक पर असर पड़ता है।

अगर इन बीमारियों से बचना है, तो इसकी लत को छोड़ने की जरुरत है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे तंबाकू से होने वाले रोगों के बारे में…

तंबाकू है क्या
असल में तंबाकू में चार हजार से अधिक रसायन होते है। इन रसायनों में निकोटिन एक ऐसा रसायन है, जो व्यक्ति को थोड़ी देर के लिए अच्छा महसूस करवाती है। इसलिए व्यक्ति तंबाकू का सेवन करता है।

Image Credit: Freepik
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निकोटिन के अलावा तंबाकू में फिनायल, नायटोअमाइड, डेनझिन, कार्बन मोनोऑक्साइड आदि होते है, जिससे व्यक्ति के शरीर पर इसका असर पड़ता है, जिसमें मुंह, होंठ, जबड़े, फेफड़े, गले, पेट, गुर्दे और मूत्राशय का कैंसर होने की संभावना रहती है।

खतरनाक होते हैं केमिकल्स  
तंबाकू में कई ऐसे केमिकल हैं, जिसका मनुष्य के स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ता है और उन्हें कई रोगों का शिकार बनाने के अलावा नपुंसकता की ओर अग्रसर भी करता है। खासकर युवा वर्ग को इससे बचना होगा, क्योंकि 80 प्रतिशत युवा इसका शिकार हो चुके हैं। इसके कुछ असर ये हैं…

1. बांझपन
तंबाकू का सेवन करने वालों को तंबाकू न सेवन करने वालों की तुलना में बांझपन का अधिक सामना करना पड़ता है। तंबाकू की वजह से अंडे और शुक्राणु के डीएनए क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। पुरुषों के अलावा नशे की लत वाली महिलाओं में भी गर्भ धारण करने की संभावना कम हो जाती है, क्योंकि अंडे के खराब होने के पीछे निकोटिन, कार्बन मोनोऑक्साइड और साइनाइड मुख्य कारण होता है।

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2. शीघ्र पतन की समस्या
अधिक धूम्रपान के कारण पुरुषों में नपुंसकता बढ़ती है, उनके सेक्सुअल लाइफ पर असर पड़ता है। धूम्रपान से पुरुषों में शीघ्र पतन की समस्या भी शुरू हो जाती है.

3. यौन क्षमता में कमी
तंबाकू का स्वाद बढ़ाने के लिए जिस केमिकल का उपयोग किया जाता है, उससे व्यक्ति की शारीरिक क्षमता पर असर पडता है। अधिक मात्रा में तंबाकू के सेवन से धीरे-धीरे यौनक्षमता में कमी आ जाती है।

4. नपुंसकता
तंबाकू और धूम्रपान से रक्त वाहिकाओं के सिकुड़ने से लिगमेंट्स की कठोरता कम हो जाती है और नपुंसकता का खतरा रहता है। लत जितनी लंबी होगी, प्रभाव उतना ही अधिक होगा। इसलिए ऐसे पुरुषों को यौन समस्याओं का खतरा भी अधिक रहता है। तंबाकू उत्पादों में गुटखा भी पुरुष वीर्य में पुरुष शुक्राणु की गति को धीमा कर देता है, इससे पुरुषों में भी बांझपन होता है।

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5. मुंह के कैंसर में वृद्धि  
एक सर्वे में यह पाया गया है कि भारत में तंबाकू सेवन से मुंह के कैंसर में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसमें 90 प्रतिशत फेफड़ों के कैंसर और अन्य कैंसर का कारण धूम्रपान ही है। दरअसल अधिक धूम्रपान से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि धूम्रपान के कारण रक्तचाप में अचानक वृद्धि से दिल में रक्त की आपूर्ति में कमी हो जाती है, इससे दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकता है।

ऐसे करें इलाज
तंबाकू या धूम्रपान की लत से खुद को छुड़ाने के लिए किसी संस्था या डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक  है, किसी प्रकार की झाड़-फूंक और पूजा पाठ से बचें, ताकि आपको सही सलाह मिले और आप धूम्रपान और तंबाकू से खुद को छुड़ाने में समर्थ हो।

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