Guru Asta 2025: हिंदू धर्म में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है।
मगर अब 11 जून से 18 नवंबर तक विवाह समारोहों पर विराम लग गया है।
इसका कारण है गुरु ग्रह का अस्त होना और चातुर्मास की शुरुआत होना।
इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य, खासकर शादी नहीं की जाती है, वरना जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
आइए जानते हैं क्या है गुरु ग्रह के अस्त होने का मतलब और चातुर्मास…
क्यों बंद हुए मांगलिक कार्य?
गुरु ग्रह अस्त (11 जून – 9 जुलाई):
गुरु (बृहस्पति) को विवाह और शुभ कार्यों का कारक माना जाता है।
जब यह अस्त होता है, तो सभी तरह के मांगलिक कार्य टाल दिए जाते हैं।
चातुर्मास (6 जुलाई – 1 नवंबर):
देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार महीने के लिए शयन करते हैं, इसलिए इस अवधि में शादी, गृहप्रवेश जैसे कार्य वर्जित माने जाते हैं।
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अंतिम शुभ मुहूर्त पर धूम, अब 18 नवंबर से शुरू होंगे विवाह
- 8 जून को आखिरी विवाह मुहूर्त था, जिसमें शहर के मैरिज गार्डन और बारात घरों में भारी भीड़ देखी गई।
- अब अगले 145 दिनों (8 जून – 1 नवंबर) तक कोई शादी नहीं होगी।
- 18 नवंबर से नवंबर-दिसंबर में कुल 13 शुभ मुहूर्त होंगे, जिनमें विवाह किए जा सकेंगे।
नवंबर-दिसंबर 2025 के शुभ विवाह मुहूर्त
2025 में 18 नवंबर से 6 दिसंबर तक शादी के शुभ अवसर होंगे, जबकि 11 दिसंबर के बाद अगला विवाह मुहूर्त फरवरी 2026 में ही आएगा।
- 18 नवंबर- मंगलवार
- 19 नवंबर- बुधवार
- 21-25 नवंबर- शुक्रवार-मंगलवार
- 29-30 नवंबर- शनिवार-रविवार
- 1, 4, 5, 6 दिसंबर- सोमवार, गुरुवार-शनिवार
चातुर्मास में क्या करें और क्या न करें?
निषिद्ध कार्य:
- विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश, जनेऊ संस्कार
- नया घर, वाहन या सोना खरीदना
- कोई नया व्यवसाय शुरू करना
ये कार्य करें…
- नियमित पूजा-पाठ, दान, अन्नप्राशन
- पितृ तर्पण और श्राद्ध कर्म
- धार्मिक यात्राएं (जैसे गया श्राद्ध)
ज्योतिषियों के अनुसार, शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य सफल और सुखद होते हैं, इसलिए शादी जैसे महत्वपूर्ण संस्कार के लिए उचित समय का इंतजार करना ही बेहतर है।