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ANALYSIS : पीएम मोदी क्यों बोल रहे, कांग्रेस लगा देगी राम मंदिर पर बाबरी ताला!

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भोपाल। मोदी, मुद्दे और मैजिक। जी हां, अयोध्या में राम मंदिर का ताला खुलने के बाद से ही भगवान श्रीराम राजनीतिक मुद्दा बन गए। उसके बाद से आज तक राम नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं।

कहा जा रहा था कि अयोध्या में मंदिर बनने के बाद ये मुद्दा खत्म हो जाएगा, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। बीजेपी के सुप्रीम लीडर प्रधानमंत्री मोदी श्रीराम का जाप छोड़ने को राजी नहीं हैं।

बीजेपी 400 पार के विजयरथ को खींचने एक कदम और आगे बढ़कर राम नाम के साथ बाबरी का शोर फिर से मचा रही है यानि हिंदू मुसलमान।

तीसरे चरण की वोटिंग के बाद मोदी जी कह रहे हैं कि कांग्रेस फिर से सत्ता में आ गई तो राम मंदिर पर बाबरी ताला लगा देगी। जरा सोचिए क्या ये संभव है, लेकिन ये बीजेपी है चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है।

बीजेपी ये भी कहती है कि मोदी सत्ता में न आए तो देश मिट जाएगा। बर्बाद हो जाएगा। दूसरी तरफ कांग्रेस भी कोई दूध की धुली हुई नहीं है। कांग्रेस के थके हुए राजकुमार राहुल गांधी अनाप-शनाप भाषण देते हैं। ऐसा लगता है कि राहुल सलाह और सलाहकारों से पीछा नहीं छुड़ा पा रहे हैं।

भीड़ जुटा रही हैं प्रियंका लेकिन स्क्रिप्ट घिसी-पिटी

प्रियंका गांधी जरूर चुनावी रैलियों में भीड़ जुटा रही हैं, लेकिन उनकी स्क्रिप्ट बुरी तरह से घिस चुकी है। राहुल गांधी अपनी रैलियों में ऐसी-ऐसी योजनाएं उछाल रहे हैं जिन्हें पूरा करना संभव नहीं है।

इन योजनाओं को देश बर्दास्त नहीं कर सकता इसलिए कांग्रेस की गारंटी लोगों के गले नहीं उतर रही है। कांग्रेस वाले संवैधानिक संस्थाओं के मुद्दे गढ़ने में पीछे नहीं हैं। वे कहते हैं कि मोदी संविधान खत्म कर रहा है। क्या संविधान मोदी की बपौती है जो खत्म कर देंगे।

गिरती जा रही है राजनीतिक सुचिता

तीसरे चरण की वोटिंग के बाद देश में चुनावी प्रचार अपने चरम पर है। कांग्रेस एक और मुद्दे को हर चुनाव में उछालती है। कांग्रेस कहती है कि देश का पैसा 15-20 उद्योगपतियों को दिया जा रहा है।

क्या ये सुन-सुन कर अब जनता के कान नहीं पक गए हैं। कांग्रेस ने पिछले चुनावों में राफेल भी खूब उड़ाया, लेकिन राफेल कांग्रेस के खेमे में ही जा गिरा। अब राफेल के नाम पर राहुल गांधी खामोश हैं।

कुल मिलाकर देखा जाए तो हर चुनाव राजनीतिक सुचिता का स्तर गिरता जा रहा है, जीत के लिए कुछ भी करेगा कुछ कहेगा चल रहा है।

महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, विकास जैसे जनता के मुद्दे चुनाव से गायब हैं, लेकिन वो कहते हैं जनता सब जानती है और 4 जून को फैसला हो जाएगा कि इस बार राम नाम सत्य किसका होगा।

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