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अटल सेतु: 7 साल, 18 हजार करोड़- फिर भी 6 महीने में ही आ गई दरार! जानें सच

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

महाराष्ट्र: 6 महीने पहले ही मुंबई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल सेतु का उद्घाटन किया था। दक्षिण मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने वाले इस सेतु की लागत करीब 18,000 करोड़ रुपये है। जिससे बनने में करीब 7 साल लगे थे। लेकिन अब इस पुल को लेकर सियासत शुरू हो गई है।

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- पुल में आई दरार
महाराष्ट्र कांग्रेस की अध्यक्ष नाना पटोले ने शुक्रवार को पुल के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि उद्घाटन के कुछ महीनों के अंदर ही इसमें दरारें आ गईं, जिससे लोगों की जान को खतरा पैदा हो गया है।

पटोले ने दिन में पुल का निरीक्षण किया और दावा किया कि पुल के निर्माण की गुणवत्ता खराब है और सड़क का एक हिस्सा एक फुट तक धंस गया है।

बीजेपी का पलटवार
इस खबर के फैलने के बाद ही महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि अटलसेतु पर तो कोई दरार नहीं, ना ही अटलसेतु को कोई खतरा है। ये तस्वीर एप्रोच रोड की हैं।

लेकिन एक बात साफ है कि कांग्रेस पार्टी ने झूठ के सहारे ‘दरार’ का एक लंबा प्लान बना लिया है। चुनाव में संविधान बदलने की बाते, चुनाव के बाद फोन से ईवीएम अनलॉक और अब ऐसी झूठी बातें… देश की जनता ही इस ‘दरार’ प्लान और कांग्रेस की भ्रष्ट आचरण को परास्त करेगी।

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MMRDA ने दी सफाई?
इस मामले में मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने सफाई देते हुए कहा कि अटल सेतु को जोड़ने वाली एप्रोच रोड पर मामूली दरारें पाई गई हैं। यह फुटपाथ मुख्य पुल का हिस्सा नहीं है बल्कि पुल को जोड़ने वाली एक सर्विस रोड है।

एमटीएचएल पुल पर दरारों के बारे में अफवाहें फैल रही हैं। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि ये दरारें पुल पर नहीं हैं, बल्कि एमटीएचएल को उल्वे से मुंबई की ओर जोड़ने वाली सड़क पर हैं।

अथॉरिटी ने ये भी कहा कि दरारें परियोजना में संरचनात्मक दोषों के कारण नहीं हैं और पुल की संरचना के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करती हैं। परियोजना की संचालन और रखरखाव टीम की ओर से 20 जून 2024 को निरीक्षण के दौरान उल्वे से मुंबई की ओर रैंप नंबर 5 डामर पर तीन स्थानों पर मामूली दरारें देखी गईं। इनकी तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है।

मरम्मत कार्य शुरू
अटल सेतु परियोजना के पैकेज 4 के ठेकेदार मेसर्स स्ट्रैबैग ने उक्त क्षेत्र में मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है और मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने आश्वासन दिया है कि काम 24 घंटे के भीतर यातायात में किसी भी बाधा के बिना पूरा हो जाएगा।

जनवरी में हुआ था उद्घाटन
‘अटल सेतु’ को मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (एमटीएचएल) के नाम से भी जाना जाता है। बॉलीवुड एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना ने भी इस पुल का प्रचार किया था।
ये समंदर पर बना देश का सबसे लंबा ब्रिज है। अटल सेतु को बनाने में 1.77 लाख मीट्रिक टन स्टील और 5.04 लाख मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है।
ऐसा दावा किया गया कि ये पुल 100 साल तक इसी तरह टिका रहेगा।

अटल सेतु 6 लेन में बना है। ये पूरा पुल 21.8 किलोमीटर लंबा है। इसका 16.5 किलोमीटर हिस्सा समंदर और करीब 5.5 किलोमीटर जमीन पर बना है।

पुल से आने-जाने पर टोल टैक्स भी लगता है, पैसेंजर कार पर एक बार की यात्रा पर 250 रुपये का टोल लगेगा तो वहीं, अगर वापस भी लौटते हैं तो फिर कुल 375 रुपये का टोल देना होगा।

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