Bhopal Metro Free Travel: भोपाल के निवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है।
राजधानी में मेट्रो रेल सेवा शुरू होने से पहले ही यात्रियों को पहले 10 दिन तक मुफ्त सफर का तोहफा मिल सकता है।
इसके बाद भी कई महीनों तक छूट की योजना है।
मेट्रो कॉरपोरेशन ने किराया तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द ही भोपाल ‘मेट्रो सिटी’ बनने जा रहा है।
मुफ्त सफर और छूट की योजना?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेट्रो के कमर्शियल ऑपरेशन (आम लोगों के लिए शुरुआत) के पहले 7 से 10 दिन तक यात्री बिना किराया दिए मेट्रो में सफर कर सकेंगे।
यह लोगों को नई सेवा से परिचित कराने और ट्रायल को बढ़ावा देने का एक शानदार तरीका होगा।
मुफ्त सफर की अवधि खत्म होने के बाद भी यात्रियों को राहत मिलेगी।
अगले 3 महीनों तक टिकट पर क्रमशः 75%, 50% और 25% की छूट दी जाएगी।
इसका मतलब है कि शुरुआती चरण में मेट्रो की सवारी काफी किफायती रहेगी।
छूट की अवधि पूरी होने के बाद भी किराया जेब पर भारी नहीं पड़ेगा।
भोपाल मेट्रो… 10 दिन फ्री, फिर ₹20 हो सकता है दो स्टेशनों के बीच किराया@CMMadhyaPradesh @mpurbandeptt @JansamparkMP #Bhopal pic.twitter.com/Uk4iRpBBfw
— PRO JS Bhopal (@probhopal) December 5, 2025
कितना होगा मेट्रो का किराया?
भोपाल मेट्रो के किराये को लेकर इंदौर मेट्रो के मॉडल को अपनाया जाएगा।
फेयर सिलेक्शन कमेटी इसकी अंतिम मंजूरी देगी। प्रस्तावित संरचना कुछ इस प्रकार है:
- न्यूनतम किराया: एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक का किराया 20 रुपये तक हो सकता है।
- अधिकतम किराया: पूरी ऑरेंज लाइन (एम्स से करोंद) की यात्रा का किराया 80 रुपये तक होगा।
हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह है कि 80 रुपये का अधिकतम किराया तब लागू होगा, जब करीब 16 किलोमीटर लंबी पूरी ऑरेंज लाइन का काम पूरा हो जाएगा।
फिलहाल, पहले फेज में सिर्फ प्रायोरिटी कॉरिडोर (सुभाष नगर से एम्स तक, लगभग 6.22 किमी) ही चालू होगी, इसलिए शुरुआत में किराया इससे कम रह सकता है।

मेट्रो सेवा कब से शुरू और क्या है तैयारी?
भोपाल मेट्रो का कमर्शियल ऑपरेशन दिसंबर 2025 में शुरू होने की उम्मीद है।
कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) की टीम ने फाइनल निरीक्षण करके सुरक्षा की मंजूरी (ग्रीन सिग्नल) दे दी है।
संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखा सकते हैं।
इस बीच, मेट्रो कोच का ट्रायल रन जारी है, जिसमें इसकी रफ्तार 30 से 80 किमी प्रति घंटा के बीच रखी जा रही है।
कुछ टेस्ट के दौरान इसे 100-120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से भी दौड़ाया जा रहा है।

कैसे खरीदेंगे टिकट?
शुरुआत में मेट्रो में टिकटिंग सिस्टम मैन्युअल ही रहेगा।
यात्रियों को रेलवे की तरह टिकट काउंटर से टिकट लेनी होगी।
ऐसा इसलिए क्योंकि ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम (AFC) लगाने वाली पहली कंपनी का टेंडर रद्द हो गया था।
नई कंपनी के चयन की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें अभी 2-3 महीने का समय लग सकता है।
इसलिए, शुरुआती दिनों में यात्रियों को पारंपरिक तरीके से ही टिकट लेनी होगी।

भोपाल मेट्रो राजधानी के परिवहन तंत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रही है।
मुफ्त सफर और किफायती किराए की शुरुआती योजना निश्चित रूप से लोगों को इस नई सेवा को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
दिसंबर में सेवा शुरू होते ही भोपाल मध्य प्रदेश की दूसरी ‘मेट्रो सिटी’ बन जाएगा।


