Digvijay Singh on Ceasefire: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह 15 मई, गुरुवार सुबह इंदौर में मीडिया से रूबरू हुए।
इस दौरान उन्होंने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई की सराहना की, लेकिन अचानक से हुए सीजफायर को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखे सवाल भी उठाए।
बिना शर्त के सीजफायर क्यों
दिग्विजय सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने जिस तरह से आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया, वह सराहनीय है।
लेकिन उन्होंने इस पर सवाल खड़ा किया कि पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस के एक फोन कॉल के बाद भारत ने बिना किसी शर्त के सीजफायर क्यों स्वीकार कर लिया।

उन्होंने कहा कि भारत के पास यह सुनहरा मौका था कि वह आतंकियों और वांटेड अपराधियों के प्रत्यर्पण जैसी शर्तें रख सकता था, लेकिन मोदी सरकार ने यह मौका गंवा दिया।
ट्रंप के ट्वीट पर सवाल, सीजफायर के बाद गोलाबारी क्यों
उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सीजफायर की घोषणा से पहले किए गए ट्वीट पर भी सवाल उठाया।
दिग्विजय सिंह ने पूछा कि जब भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से सीजफायर की जानकारी नहीं दी थी, तब ट्रंप को इसकी जानकारी कैसे और किसने दी।


साथ ही उन्होंने यह भी जानना चाहा कि अगर सीजफायर शाम 5 बजे हुआ था, तो इसके बाद पाकिस्तान की ओर से फायरिंग क्यों हुई।
‘मोदी जी की ट्रोल आर्मी मुस्लिम महिला अफसर को देख नहीं पाई’
प्रेस वार्ता में दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह की उस विवादित टिप्पणी की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा की मुस्लिम महिला अफसर सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक बयान दिया था।
उन्होंने कहा कि मोदी जी की ट्रोल आर्मी एक मुस्लिम महिला अफसर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में देखना बर्दाश्त नहीं कर पा रही है।
यहां तक कि केंद्र सरकार के प्रवक्ता तक को सोशल मीडिया पर निशाने पर लिया गया।

भाजपा ने नहीं की कोई कार्रवाई
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन भाजपा ने अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे पार्टी की मानसिकता उजागर होती है।
आरओबी का नाम मल्हार राव होलकर के नाम पर रखने की मांग
दिग्विजय सिंह ने इंदौर के राजेंद्र नगर में प्रस्तावित आरओबी का नाम मराठा योद्धा महाराज मल्हार राव होलकर के नाम पर रखने की मांग की और कहा कि यह ऐतिहासिक सम्मान उनके योगदान को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।