Homeन्यूजनए साल में BJP को मिल सकता है नया राष्ट्रीय अध्यक्ष, पार्टी...

नए साल में BJP को मिल सकता है नया राष्ट्रीय अध्यक्ष, पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों में भी होगा बदलाव

और पढ़ें

BJP President Election: भाजपा संगठन स्तर पर बड़े बदलाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं।

नए साल पर बीजेपी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है।

वहीं जनवरी में पार्टी की प्रदेश अध्यक्षों में भी बदलाव किया जाएगा।

इस बदलाव से पहले पार्टी के संविधान के अनुसार, बीजेपी को कम से कम 50 फीसदी राज्यों में संगठन के चुनाव पूरे करने होंगे।

नए साल पर मिलेगा नया भाजपा अध्यक्ष

बीजेपी में संगठन के स्तर पर फेरबदल की तैयारियां शुरू हो गई हैं।

नए साल 2025 के जनवरी या फरवरी में बीजेपी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है।

इसके साथ ही 15 जनवरी तक महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, यूपी, गुजरात, बंगाल, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में प्रदेश अध्यक्षों में भी बदलाव किया जाएगा।

इससे पहले पार्टी के संविधान के मुताबिक बीजेपी को कम से कम 50 फीसदी राज्यों में संगठन के चुनाव पूरे कराने होंगे।

बता दें भाजपा का पूरा संगठन सात भागों में विभाजित है।

BJP President Election
BJP President Election

इसमें राष्ट्रीय स्तर से लेकर स्थानीय स्तर तक विभाजन किया गया है।

राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय परिषद और राष्ट्रीय कार्यकारिणी होती है।

ऐसे ही प्रदेश स्तर पर प्रदेश परिषद और प्रदेश कार्यकारिणी होती है।

इसके अलावा क्षेत्रीय समितियां, जिला और मंडल समितियां होती हैं, जिसमें ग्राम और शहरी केंद्र होते हैं।

फिर पांच हजार से कम जनसंख्या पर स्थानीय समिति गठित की जाती है।

कैसे होता है BJP अध्यक्ष का चुनाव

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पार्टी की राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के सदस्य करते हैं।

यह चुनाव पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार होता है।

18 फरवरी 2024 को दिल्ली में बीजेपी का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ था।

इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति पर एक प्रस्ताव पास किया गया था।

इसके अनुसार, पद खाली होने पर पार्लियामेंट्री बोर्ड पार्टी अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकेगा।

इसके अलावा पार्टी के संविधान की धारा-19 में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं।

BJP President Election
BJP President Election

बता दें अब तक बीजेपी के सभी अध्यक्ष निर्विरोध चुने गए हैं।

पार्टी में एकजुटता बनाए रखने के लिए अध्यक्ष का चुनाव सर्वमान्य रूप से किया जाता है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारियां

BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास पार्टी के संगठन को मजबूत करने की प्रमुख जिम्मेदारी होती है।

पार्टी के संविधान की धारा-20 के तहत राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अध्यक्ष और अधिकतम 120 सदस्य हो सकते हैं।

इनमें कम से कम 40 महिलाएं और 12 अनुसूचित जाति/जनजाति के सदस्य होते हैं।

इन सबको मनोनीत करने का जिम्मा राष्ट्रीय अध्यक्ष का होता है।

BJP President Election
BJP President Election

इनके अलावा अध्यक्ष ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों में से अधिकतम 13 उपाध्यक्ष, नौ महामंत्री, एक महामंत्री (संगठन), अधिकतम 15 मंत्री और एक कोषाध्यक्ष को मनोनीत करते हैं।

इन पदाधिकारियों में से कम से कम 13 महिलाएं चुनी जाती हैं।

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में से प्रत्येक वर्ग में से कम से कम तीन पदाधिकारियों का चुनाव अध्यक्ष करते हैं।

संगठन में फेरबदल और नियुक्तियां

राष्ट्रीय अध्यक्ष को संगठन में फेरबदल करने का अधिकार होता है।

इसके अलावा, अध्यक्ष पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन की अध्यक्षता करते हैं और संगठन को एकजुट रखने के लिए कार्य करते हैं।

कार्यकारिणी का सदस्य होने के लिए जरूरी है कि कम से कम तीन कार्यकाल तक संबंधित पदाधिकारी पार्टी का सक्रिय सदस्य रहा हो।

हालांकि, खास परिस्थिति में राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिकतम 15 सदस्यों को इस शर्त से छूट भी दे सकता है।

जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष संगठन महामंत्री की सहायता के लिए संगठन मंत्रियों की नियुक्ति भी कर सकता है।

साथ ही प्रदेश अध्यक्षों को भी ऐसी नियुक्तियों के लिए अनुमति दे सकता है।

BJP President Election
BJP President Election

जरूरत होने पर बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष दो या ज्यादा राज्यों के संगठन कार्य के लिए क्षेत्रीय संगठन मंत्रियों की नियुक्त्ति भी करते हैं।

इसके अलावा राज्य अध्यक्ष को प्रदेश स्तर पर दो या अधिक जिलों के लिए विभाग या संभाग संगठन मंत्रियो की नियुक्ति की अनुमति देते हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष को देना होता है नए सदस्यों को स्थान

नियमों के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपनी कार्यसमिति में 25 प्रतिशत नए सदस्यों को स्थान देना होता है।

राष्ट्रीय कार्यकारणी में स्थायी आमंत्रित पदेन सदस्य तो होते ही हैं।

इनके अतिरिक्त विशेष आमंत्रित सदस्य होते हैं, जिनकी संख्या 30 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकती।

बीजेपी अध्यक्ष ही पार्टी का सर्वेसर्वा होता है और पार्टी के पूर्ण अधिवेशन की अध्यक्षता करता है।

पार्टी को एक बनाए रखने की चुनौती राष्ट्रीय अध्यक्ष के कंधों पर होती है।

इसलिए आमतौर पर ऐसे अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है, जो सर्वमान्य हो।

अब तक बीजेपी के सभी अध्यक्ष निर्विरोध ही चुने गए हैं।

राज्य स्तर पर पार्टी का नेतृत्व

राज्य स्तर पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों को अपने-अपने राज्यों में पार्टी के संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है।

राज्य स्तर पर विधानसभा और स्थानीय चुनावों के लिए उम्मीदवारों का चयन भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में किया जाता है।

BJP का अध्यक्ष पार्टी के सर्वेसर्वा के रूप में कार्य करता है और पार्टी की नीतियों और चुनावी रणनीतियों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वहीं चुनाव के दौरान पार्टी के प्रत्याशियों के चयन में पार्टी अध्यक्ष की अहम भूमिका होती है।

संगठन में अलग-अलग स्तर से मिलने वाली रिपोर्ट के अनुसार पार्टी की नीति के अनुसार अध्यक्ष की सहमति से ही पार्टी के उम्मीदवार घोषित किए जाते हैं।

- Advertisement -spot_img