Operation Brahma: 28 मार्च की सुबह म्यांमार और थाईलैंड में आए भयानक भूकंप से भारत समेत 5 देशों की धरती कांप उठी थी।
रॉयटर्स के मुताबिक म्यांमार की सैन्य सरकार ने कहा है कि मरने वालों का आंकड़ा 1000 को पार कर गया है, जबकि 2300 से ज्यादा लोग घायल हैं।
इस भयानक भूंकप ने म्यांमार में काफी तबाही मचाई है, जिसके बाद म्यांमार ने पड़ोसी देशों से सहायता भी मांगी है।
इस मुश्किल वक्त में भारत ने दोस्ती दिखाते हुए म्यांमार के भूकंप पीड़ितों के लिए ऑपरेशन की शुरुआत की है।
A true reflection of Vasudhaiva Kutumbakam!
Following the Humanity First policy under the leadership of PM Shri @narendramodi ji, India has dispatched the first tranche of urgent humanitarian aid to Myanmar.
India stands firmly with Myanmar in their time of… pic.twitter.com/RQL3UWSHnq
— Tulla Veerender Goud (@TVG_BJP) March 29, 2025
म्यांमार के भारत का ऑपरेशन ब्रह्मा’
म्यांमार और अन्य भूकंप प्रभावित पड़ोसी देशों के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ की शुरुआत की है।
जिसके तहत अब तक करीब 15 टन राहत सामग्री की पहली खेप म्यांमार की राजधानी यांगून में भेजी जा चुकी है।
शनिवार सुबह भारत के वायुसेना स्टेशन हिंडन से यह सामग्री C 130 J विमान द्वारा म्यांमार पहुंचाई गई।
Two more Indian Air Force aircraft are being loaded with relief material for Myanmar. Planes will depart from AFS Hindon soon.
Earlier today, approximately 15 tonnes of relief material was sent to Myanmar on an IAF C-130 J aircraft from AFS Hindon.
(Source: MEA)… pic.twitter.com/aYIuL9kqxI
— ANI (@ANI) March 29, 2025
राहत सामग्री में ये सामान शामिल
इस राहत सामग्री में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, तैयार भोजन, जल शुद्धिकरण उपकरण, स्वच्छता किट, सौर लैंप और जनरेटर सेट है।
इसके अलावा आवश्यक दवाएं जैसे पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, कैनुला, सीरिंज, दस्ताने, कॉटन बैंडेज और यूरिन बैग भी शामिल हैं।
15 टन सामग्री भेजी गई- विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर जानकारी दी कि ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत म्यांमार में भूकंप से प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री भेजी जा रही है।
भारत इस भीषण भूकंप के बाद म्यांमार के नागरिकों की सहायता के लिए पहले प्रतिक्रिया देने वाले के रूप में कार्य कर रहा है।
हमारी पहली खेप, जिसमें 15 टन राहत सामग्री शामिल है, यांगून में पहुंच चुकी है।
Operation Brahma – India acts as a First Responder to assist the people of Myanmar affected by yesterday’s massive earthquake.
Our first tranche of 15 tonnes of relief material, including tents, blankets, sleeping bags, food packets, hygiene kits, generators, and essential… pic.twitter.com/6Nx7Bez9ne
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) March 29, 2025
#OperationBrahma gets underway.
First tranche of humanitarian aid from India has reached the Yangon Airport in Myanmar.
🇮🇳 🇲🇲 pic.twitter.com/OmiJLnYTwS
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 29, 2025
अमेरिका, चीन और रूस ने भी भेजी मदद
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी म्यांमार में राहत अभियान चलाने की घोषणा की है।
वहीं रूस ने भी 120 बचाव कर्मियों और दो विशेष विमान म्यांमार भेजे हैं।
इसके अलावा चीन ने 37 सदस्यीय बचाव दल म्यांमार भेजा है, जो अत्याधुनिक उपकरणों के साथ बचाव कार्य में मदद कर रहा है।
चीन ने भूकंप की चेतावनी देने वाले सिस्टम, ड्रोन और अन्य उपकरणों के 112 सेट भी भेजे हैं।
200 सालों में सबसे भयानक भूकंप
म्यांमार में भूकंप में मौत का आंकड़ा 10 हजार से ज्यादा हो सकता है। शुक्रवार को 11:50 बजे 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था।
यह आशंका यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने जताई है।
म्यांमार में मरने वालों का आंकड़ा 1000 को पार कर गया है, जबकि 2300 से ज्यादा लोग घायल हैं।

उधर, थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक 30 मंजिला इमारत गिर गई है। इसमें 10 लोगों की मौत हुई है।
म्यांमार और थाईलैंड में यह 200 साल का सबसे बड़ा भूकंप है।
भारी तबाही के चलते म्यांमार के 6 राज्यों और पूरे थाईलैंड में इमरजेंसी लगा दी गई है।
पूर्वोत्तर भारत में भी आए थे झटके
मेघालय और मणिपुर सहित भारत के कुछ हिस्सों के साथ-साथ बांग्लादेश, खासकर ढाका और चटगांव और चीन में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।
म्यांमार में क्यों आया भयानक भूकंप
म्यांमार में आए भूकंप का केंद्र मांडले शहर था।
दरअसल, म्यांमार उन देशों में शामिल है, जो भूकंप के दृष्टिकोण से अत्यधिक संवेदनशील हैं।
यहां हर महीने औसतन 8 भूकंप आते हैं, जिसका कारण यह है कि म्यांमार Ring of Fire के निकट स्थित है, जो विश्व के 81 प्रतिशत भूकंपों का केंद्र है।
इसके अतिरिक्त, म्यांमार भारतीय प्लेट और सुंडा प्लेट के बीच स्थित है, जिसके परिणामस्वरूप इन प्लेटों के टकराने से भूकंप उत्पन्न होते हैं।
इस भूकंपीय गतिविधि को सागाइंग फॉल्ट के नाम से जाना जाता है।