Shubhanshu Shukla Return: भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रचते हुए Axiom-4 स्पेस मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया।
शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों ने 20 दिन तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में रहने के बाद 15 जुलाई को पृथ्वी पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की।
यह मिशन एक्सियम-4 का हिस्सा था, जिसमें SpaceX के ड्रैगन कैप्सूल का इस्तेमाल किया गया।
यह मिशन भारत के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि शुभांशु भारतीय वायु सेना के पहले अधिकारी हैं, जिन्होंने ISS पर यह उपलब्धि हासिल की।
ये एक ऐताहासिक पल है। क्योंकि करीब 41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्पेस में गया है।
— Resistance(Ω) (@Ro07Fan) July 15, 2025
पीएम मोदी ने किया वेलकम
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा- मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन – गगनयान – की दिशा में एक और मील का पत्थर है।

कब और कहां उतरा ड्रैगन कैप्सूल?
आज दोपहर करीब 3:01 बजे (भारतीय समयानुसार) SpaceX का ड्रैगन कैप्सूल अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन किया।
धरती पर वापसी के दौरान अंतरिक्ष यान का तापमान 1600°C तक पहुंच गया, लेकिन हीट शील्ड की मजबूती के कारण सभी यात्री सुरक्षित रहे।
Group Captain Shubhanshu Shukla lands safely on earth 👏👏👏
First Indian to visit the International Space Station. What a feat!
Welcome back captain 🫡 #ShubhanshuShukla #AxiomMission4 #NASA pic.twitter.com/uXlAdS4uSU
— Nabila Jamal (@nabilajamal_) July 15, 2025
लैंडिंग का समय और स्थान:
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14 जुलाई को शाम 4:45 बजे (IST) ISS से अनडॉक हुआ।
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15 जुलाई को दोपहर 3 बजे (IST) कैलिफोर्निया के तट पर स्प्लैशडाउन हुआ।
🇮🇳 तिरंगे की शान बनकर गया और इतिहास रचकर लौटा!
India के शुभांशु शुक्ला ने #Axiom4 Mission में 18 दिन #ISS में बिताए और Dragon कैप्सूल Grace के साथ सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौटे! 🌍#Spacehero #ai #ISRO #UFO #ShubhanshuShukla #America #California #NASA #ISS #Earth #return #welcome pic.twitter.com/ZU35maDEV3
— Sanjeev (@wing4destiny) July 15, 2025
भारत के लिए गर्व का पल
शुभांशु शुक्ला की यह उपलब्धि न केवल भारतीय वायु सेना, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।
यह मिशन निजी अंतरिक्ष उड़ानों के युग में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
लखनऊ में जश्न का माहौल
शुभांशु शुक्ला के घर वाले लखनऊ में उनकी सफल वापसी की खुशी मना रहे हैं।
उनकी मां की आँखों में खुशी के आँसू थे, जबकि परिवार और दोस्तों ने केक काटकर इस ऐतिहासिक पल को सेलिब्रेट किया।
#WATCH | Axiom-4 Mission | Lucknow, UP: Group Captain Shubhanshu Shukla’s family rejoices and celebrates as he and the entire crew return to the earth after an 18-day stay aboard the International Space Station (ISS) https://t.co/FOshCfbQkW pic.twitter.com/Yzh4DEbuuR
— ANI (@ANI) July 15, 2025
Axiom-4 मिशन की पूरी कहानी
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लॉन्च तिथि: 25 जून 2024 (फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से)
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ISS पर समय: 18 दिन
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स्प्लैशडाउन: 15 जुलाई 2024 (कैलिफोर्निया तट, प्रशांत महासागर)
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मिशन का उद्देश्य: माइक्रोग्रैविटी रिसर्च और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का विकास
शुभांशु शुक्ला का योगदान और ISS पर अनुसंधान
शुभांशु शुक्ला ने ISS पर रहकर कई वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें माइक्रोग्रैविटी में पौधों की वृद्धि और अंतरिक्ष के प्रभावों का अध्ययन शामिल था।
वैज्ञानिक प्रयोग:
- 60+ प्रयोग किए, जिनमें मेथी-मूंग के बीज उगाना, स्पेस माइक्रोएल्गी पर शोध और हड्डियों के स्वास्थ्य से जुड़े प्रयोग शामिल थे।
- भारत के 7 प्रयोगों को अंजाम दिया, जो गगनयान मिशन के लिए उपयोगी होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत:
- 28 जून को ISS से PM मोदी के साथ लाइव वार्ता की।
- शुभांशु ने बताया कि “अंतरिक्ष से भारत बेहद खूबसूरत दिखता है” और साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ गाजर का हलवा खाया।
छात्रों और ISRO से संवाद:
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हैम रेडियो के जरिए तिरुवनंतपुरम, बेंगलुरु और लखनऊ के 500+ छात्रों से बात की।
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ISRO चेयरमैन डॉ. नारायणन के साथ गगनयान मिशन पर चर्चा की।
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पृथ्वी की तस्वीरें:
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ISS के कपोला मॉड्यूल (7 खिड़कियों वाला हिस्सा) से धरती की अद्भुत तस्वीरें लीं।
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10 दिन तक आइसोलेशन में रहना होगा
स्पेस मिशन से लौटने के बाद शुभांशु शुक्ला को 10 दिन के लिए आइसोलेशन और मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा।
इसके बाद वे सामान्य जीवन में लौटेंगे।
41 साल बाद भारतीय अंतरिक्ष में:
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शुभांशु दूसरे भारतीय हैं जो अंतरिक्ष गए। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा सोवियत मिशन पर गए थे।
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यह मिशन NASA, ISRO, एक्सियम स्पेस और स्पेसएक्स का संयुक्त प्रयास था।
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भारत ने इस मिशन के लिए 548 करोड़ रुपये खर्च किए।

गगनयान मिशन के लिए महत्व:
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शुभांशु का अनुभव 2027 में लॉन्च होने वाले भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान में मदद करेगा।
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इस मिशन का लक्ष्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों (गगनयात्री) को पृथ्वी की कक्षा में भेजना है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) क्या है?
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ISS पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थित एक विशाल अंतरिक्ष प्रयोगशाला है।
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यह 28,000 किमी/घंटा की रफ्तार से चलता है और हर 90 मिनट में पृथ्वी का चक्कर लगाता है।
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इसे NASA, रूस, यूरोप, जापान और कनाडा की स्पेस एजेंसियों ने मिलकर बनाया है।


