Swachh Survey Indore गुरुवार को दिल्ली में घोषित स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के नतीजों में इंदौर ने एक बार फिर देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव हासिल किया है।
यह लगातार आठवीं बार है जब इंदौर ने यह खिताब अपने नाम किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर को सम्मानित किया।
इस बार इंदौर को “सुपर लीग” में भी शामिल किया गया है, जिसमें देश के उन 23 शहरों को जगह दी गई है जो पहले कभी स्वच्छ सर्वेक्षण में टॉप-3 में रहे हैं।
सुपर लीग में इंदौर का प्रदर्शन
इस साल स्वच्छ सर्वेक्षण में एक नई श्रेणी “सुपर लीग” बनाई गई, जिसमें पहले से ही स्वच्छता में अव्वल रहे शहरों को रखा गया।
इंदौर ने इस लीग में भी पहला स्थान हासिल कर अपनी बादशाहत कायम रखी।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, “इंदौर अब स्वच्छता में अन्य शहरों के लिए मार्गदर्शक बन चुका है। हम नंबर 1 की प्रतियोगिता से आगे निकलकर दूसरों को प्रेरित कर रहे हैं।”
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— DD News (@DDNewslive) July 17, 2025
2017 से अब तक का सफर
इंदौर ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत 2017 से लगातार अपना परचम लहराया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इंदौर की तारीफ करते हुए कहा था कि “जब दूसरे शहर कुछ करने की सोचते हैं, इंदौर उसे पहले ही कर चुका होता है।”
यहां की जनभागीदारी, नवाचार और बेहतर योजना ने इसे देश का स्वच्छता मॉडल बना दिया है।
इंदौर की सफलता का कारण
- डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन
- 24 घंटे सफाई व्यवस्था
- कचरा से कंपोस्ट बनाने की यूनिट्स
- जनभागीदारी और जागरूकता अभियान
- इनोवेटिव मॉडल्स और मोबाइल ऐप्स

मध्य प्रदेश के अन्य शहरों ने भी मारी बाजी
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भोपाल, देवास और शाहगंज को प्रेसिडेंशियल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
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जबलपुर को मिनिस्ट्रियल अवॉर्ड (स्पेशल कैटेगरी) मिला।
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ग्वालियर को स्टेट लेवल पर मिनिस्ट्रियल अवॉर्ड दिया गया।

स्वच्छता के नए मानक
इस बार शहरों को आबादी के आधार पर 5 श्रेणियों में बांटा गया:
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बहुत छोटे शहर (20,000 से कम जनसंख्या) – बुधनी को अवॉर्ड मिला।
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छोटे शहर (20,000-50,000) – ससवड, वीटा जैसे शहर शामिल।
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मध्यम शहर (50,000-3 लाख) – तिरुपति, एनडीएमसी।
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बड़े शहर (3-10 लाख) – उज्जैन को अवॉर्ड मिला।
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मिलियन-प्लस शहर (10 लाख से अधिक) – इंदौर, सूरत, नवी मुंबई।

निगम मुख्यालय पर जश्न
इंदौरवासियों ने इस उपलब्धि का जश्न मनाया।
निगम मुख्यालय पर बड़ी स्क्रीन लगाकर समारोह का सीधा प्रसारण किया गया।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर भार्गव और निगम आयुक्त वर्मा ने पुरस्कार प्राप्त किया।
अब इंदौर की भूमिका बदल गई है
इंदौर अब सिर्फ स्वच्छता में अव्वल नहीं है, बल्कि अन्य शहरों को स्वच्छता का मॉडल सिखाएगा।
सुपर लीग के तहत अब इंदौर को अन्य शहरों की स्वच्छता व्यवस्था सुधारने की जिम्मेदारी भी मिली है।
इस जीत ने साबित कर दिया कि “इंदौरियत” सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि स्वच्छता, अनुशासन और समर्पण की मिसाल है!
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