National Space Day 2024 : 23 अगस्त, 2023 को एक साल पहले भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में पहुंचने वाला पहला देश बना था।
चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी।
इस उपलब्धि के बाद पीएम मोदी ने स्पेस डे मनाने की घोषणा की थी।
नेशनल स्पेस डे-2024 की थीम “टचिंग लाइव्स व्हाइल टचिंग द मून: इंडियाज स्पेस सागा” है।
चंद्रयान-3 मिशन ने रचा था इतिहास
अमेरिका और चीन तेजी से चंद्रमा पर इंसानों का बेस बनाने पर काम कर रहे हैं, भारत भी इस रेस में पीछे नहीं रहना चाहता।
14 जुलाई 2023 को लॉन्च हुए चंद्रयान-3 मिशन की सॉफ्ट लैंडिंग ISRO की बड़ी सफलताओं में शामिल है। चांद पर भारत का यह तीसरा मिशन था।
2008 में चंद्रयान-1 को लॉन्च किया गया था। इसमें एक प्रोब की क्रैश लैंडिंग कराई गई थी जिसमें चांद पर पानी के बारे में पता चला।
2019 में चंद्रयान-2 चांद के करीब पहुंचा, लेकिन लैंड नहीं कर पाया।
23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 चांद पर लैंड कर गया। चांद पर सकुशल पहुंचने का संदेश भी चंद्रयान-3 ने भेजा था ।
ISRO का फ्यूचर प्लान
ISRO के तीन एस्ट्रोनॉन अगले साल स्पेस में जाएंगे।
2025 में ‘गगनयान’ में 3 दिनों के मिशन के लिए 400 KM ऊपर पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा।
इस मिशन का पहला अनमेन्ड लॉन्च श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इस साल दिसंबर में होगा।
भारत के अंतरिक्ष स्टेशन में 5 मॉड्यूल होंगे। पहला मॉड्यूल 2028 में लॉन्च होगा।
इसके लिए डिज़ाइन का काम पूरा हो चुका है और रिपोर्ट मंजूरी के लिए सरकार को सौंप दी गई है।
ये स्टेशन स्पेस में एस्ट्रोनॉट का ठिकाना होगा।
ISRO की आगामी 5 सालों में 70 सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना है।
इसरो 2040 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने पर काम कर रहा है।
चीन 2030 तक अपने एस्ट्रोनॉट को चांद पर पहुंचाने पर काम कर रहा है।
अभी अमेरिका ही ऐसा देश है जो चांद पर इंसानों को भेज चुका है।
चंद्रयान 4 और 5 का डिजाइन तैयार
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब इसरो चंद्रयान 4 और 5 की तैयारी कर रहा है।
ISRO प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने बताया कि हमारे पास चंद्रमा पर जाने के लिए कई मिशन हैं।
चंद्रयान-3 का काम पूरा हो चुका है। अंतरिक्ष एजेंसी ने अगले चरण के मून मिशन के लिए डिजाइन तैयार कर लिया है। इसके लिए सरकार से मंजूरी लेने की प्रक्रिया चल रही है।
भारत चंद्रयान-4 की लॉन्चिंग 2027 में करेगा। चंद्रयान-4 का डिजाइन फाइनल हो चुका है।
चंद्रयान-4 चांद की सतह से 3-5 किलो मिट्टी और चट्टान के नमूनों को पृथ्वी पर लाएगा।
ये मिशन भारत की लूनर एक्सप्लोरेशन कैपेबिलिटीज को आगे बढ़ाएगा। इसमें चांद की मिट्टी को धरती पर लाई जाएगी।
हम अगले पांच सालों में 70 उपग्रहों को लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं।
इसमें सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट का ग्रुप शामिल है।
चंद्रयान-4 मिशन का लक्ष्य
- चंद्रमा के पत्थरों और मिट्टी को पृथ्वी पर लाना
- चंद्रमा से एक अंतरिक्ष यान को लॉन्च करना
- चंद्रमा की कक्षा में अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग का प्रदर्शन करना
- नमूनों को पृथ्वी पर वापस लाना
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