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भारत बनेगा अंतरिक्ष का ‘राजा’: जानें ISRO के चंद्रयान-4, स्पेस स्टेशन और शुक्र मिशन के बारे में

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

India space station 2040: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को विश्व की अग्रणी शक्ति बनाने का संकल्प लिया है।

23 अगस्त, 2025 को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर ISRO के अध्यक्ष वी. नारायणन ने वर्ष 2040 तक के लिए संगठन की महत्वाकांक्षी योजनाओं का खुलासा किया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन और विजन के आधार पर ISRO ने कई बड़े मिशनों पर काम शुरू कर दिया है, जिनका लक्ष्य भारत को 2040 तक अंतरिक्ष का ‘राजा’ बनाना है।

चंद्रयान-4 और शुक्र मिशन जैसे प्रोजेक्ट्स होंगे लॉन्च

ISRO अध्यक्ष ने बताया कि चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब चंद्रयान-4 मिशन की तैयारी शुरू हो गई है।

इसके अलावा, ISRO शुक्र ग्रह के लिए एक ऑर्बिटर मिशन (Venus Orbiter Mission) भी लॉन्च करेगा, जो ग्रह के रहस्यों पर से पर्दा उठाएगा।

यह मिशन भारत की ग्रहों के अन्वेषण की क्षमता को एक नए स्तर पर ले जाएगा।

नारायणन ने यह भी घोषणा की कि 2035 तक भारत के पास अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन होगा।

इस स्टेशन का पहला मॉड्यूल 2028 तक लॉन्च कर दिया जाएगा।

नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्चर और चंद्रमा पर मानव मिशन

प्रधानमंत्री मोदी ने ISRO के नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्चर (NGL) प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दे दी है।

यह लॉन्चर इतना शक्तिशाली होगा कि भारत को 2040 तक चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने में सक्षम बना देगा।

सबसे खास बात यह है कि यह लॉन्चर चंद्रमा से सुरक्षित वापस भी लौट सकेगा।

इस तरह का reusable लॉन्च वाहन बनाना अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।

गगनयान मिशन को ISS मिशन से मिली बड़ी सफलता

कार्यक्रम में मौजूद भारतीय अंतरिक्ष यात्री (गगनयात्री) ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की उपलब्धि का भी जिक्र किया गया।

इसरो अध्यक्ष ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के आइडिया पर अमल करते हुए कैप्टन शुक्ला को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भेजा गया था।

वह वहाँ 18 दिनों तक रहे और सुरक्षित लौटे। यह मिशन भारत के अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम ‘गगनयान’ के लिए एक महत्वपूर्ण आधार तैयार करेगा।

इस सफलता से भारत को अपने स्पेस स्टेशन के निर्माण और संचालन में काफी मदद मिलेगी।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर चंद्रयान-3 टीम को धन्यवाद

ISRO अध्यक्ष ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर देशवासियों को बधाई दी और चंद्रयान-3 मिशन की टीम को विशेष धन्यवाद दिया।

उन्होंने याद दिलाया कि आज ही के दिन 23 अगस्त, 2023 को भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक सफलता हासिल की थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने ही लैंडिंग साइट का नाम ‘शिव शक्ति’ पॉइंट रखा और इस दिन को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

ISRO का 2040 का रोडमैप भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अन्वेषण में आत्मनिर्भर और विश्वस्तरीय शक्ति बनाने की दिशा में एक साहसिक कदम है।

इन मिशनों की सफलता न केवल विज्ञान के लिए बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगी।

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