रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान के तहत 19 अप्रैल (शुक्रवार) को बस्तर सीट के लिए वोटिंग हो रही है। इस सीट को लेकर और राज्य की बाकी 10 सीटों को लेकर क्या है राजनीतिक पंडितों का अनुमान। किस सीट पर कांग्रेस को बढ़त है और किस सीट पर बीजेपी मजबूत स्थिति में है।
इसके लिए हमने 2023 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों को खंगाला, जिसमें राज्य की 6 लोकसभा सीटों पर बीजेपी और 5 पर कांग्रेस मजबूत दिखाई दे रही है। आप देखिए हर एक सीट का सटीक विश्लेषण इस खास रिपोर्ट में जिसमें हमने बताने की कोशिश की है कि मतों की ताकत क्या है?
राजनीतिक पंडितों के अनुमान के मुताबिक, छत्तीसगढ़ की बस्तर सीट पर बीजेपी मजबूत स्थिति में है। बाकी सीटों पर कौन कहां खड़ा है, इस पर नजर डाल लेते हैं।
जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र – कांग्रेस मजबूत क्यों?
इस लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटें हैं और 35 लाख 65 हजार से ज्यादा वोटर्स हैं। इनमें से 14 लाख 69 हजार से ज्यादा ने विधानसभा चुनाव में वोट किया था जिनमें 6 लाख 44 हजार से ज्यादा ने कांग्रेस को और 5 लाख 26 हजार से अधिक ने बीजेपी को वोट दिया था।
सभी 8 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का काबिज है। लोकसभा चुनाव के लिहाज से ये सीट कांग्रेस का गढ़ कही जाती है और हां कांग्रेस ने पूर्व मंत्री शिव डहरिया को यहां से लोकसभा के रण में उतारा है। इस लिहाज से राजनीतिक विश्लेषक इस सीट पर कांग्रेस को बढ़त दे रहे हैं।
राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र – कांग्रेस को बढ़त क्यों?
राजनांदगांव लोकसभा सीट में भी आठ विधानसभा सीटें हैं। विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक इस सीट में 37 लाख 4 हजार से अधिक वोटर्स हैं। इनमें से 14 लाख 81 हजार 177 वोटर्स ने विधानसभा चुनाव में मतदान किया था। 7 लाख 4 हजार से अधिक वोटर ने बीजेपी को और 6 लाख 74 हजार 776 वोटर्स ने कांग्रेस को वोट दिया था।
8 विधानसभा सीटों में से तीन पर बीजेपी और 5 पर कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन कांग्रेस ने यहां से पूर्व सीएम भूपेश बघेल को मैदान में उतारा है। इस लिहाज से विशेषज्ञ यहां कांग्रेस को बढ़त दे रहे हैं।
कांकेर लोकसभा क्षेत्र – कांग्रेस मजबूत क्यों?
कांकेर लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटें हैं। विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के अनुसार इस लोकसभा सीट में 33 लाख 10 हजार से अधिक वोटर हैं। इनमें से 13 लाख 52 हजार से अधिक वोटर ने विधानसभा में मतदान किया था।
इनमें से 6 लाख 35 हजार 103 वोटर्स ने कांग्रेस को वोट दिया था और 5 लाख 52 हजार 803 ने बीजेपी को मतदान किया था। विधानसभा की 3 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी और 5 पर कांग्रेस जीती थी। इन आंकड़ों के आधार पर विशेषज्ञ कांग्रेस को मजबूत बता रहे हैं।
रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र – बराबर की टक्कर क्यों?
रायगढ़ संसदीय क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें 36 लाख 48 हजार से अधिक वोटर हैं। इनमें से 14 लाख 62 हजार से अधिक ने विधानसभा चुनाव में मतदान किया था।
इनमें से 7 लाख 8 हजार से अधिक ने बीजेपी को और 6 लाख 65 हजार से अधिक ने कांग्रेस को वोट दिया था। क्षेत्र की 4 सीटों पर बीजेपी और 4 पर कांग्रेस काबिज है। इस लिहाज के राजनीतिक पंडित इस संसदीय सीट पर बराबरी का मुकाबला बता रहे हैं।
वहीं रायपुर, दुर्ग, सरगुजा, बिलासपुर, महासमुंद और बस्तर में बीजेपी मजबूत स्थिति में है। अनुमान है कि हवा का रुख बीजेपी की तरफ है। राम लहर और मोदी मैजिक यहां भगवा पताका फहराएगी।
लेकिन, राज्य की 5 सीटों पर कांग्रेस के लिए राजनीतिक पंडितों का अनुमान बीजेपी का टारेगट से उलट है, जैसा कि बीजेपी 370 और एनडीए 400 पार का नारा लगा रही है, लेकिन राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। यदि कांग्रेस इन 5 सीटों पर बीजेपी की हवा का रूख पलटने में कामयाब हुई तो वो बीजेपी के कॉन्फिडेंस को डेंट लगाने में कामयाब लगा सकती है।