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‘बंटेंगे तो कटेंगे’-‘एक हैं तो सेफ हैं’, भाजपा ने कैसे बदली महाराष्ट्र की राजनीति?

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

BJP in Maharashtra Elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों ने सभी को हैरान कर दिया है। भाजपा ने शानदार प्रर्दशन करते हुए जीत लगभग अपने नाम कर ही ली है।

दूसरी तरफ कांग्रेस का प्रदर्शन शिंदे-शिवसेना गुट से भी ज्यादा खराब था।

बदलेगी महाराष्ट्र की राजनीति

अब तक आए रुझानों से ये साफ हो गया है कि देश में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर अभी भी कायम है।

खासकर महाराष्ट्र में भाजपा के शानदार प्रदर्शन की चर्चा पूरे देश में हो रही है।

माना जा रहा है कि विधानसभा चुनावों में भाजपा का यह प्रदर्शन महाराष्ट्र की राजनीति को पूरी तरह बदल देगा।

महाराष्ट्र, झारखंड और यूपी चुनाव परिणाम के मायने

महाराष्ट्र में भाजपा ने 149 सीट पर चुनाव लड़ा था और उसके खाते में 125 से अधिक सीट जाती दिख रही है।

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव इतिहास में यह भाजपा का अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन है।

भाजपा की सुनामी की ही नतीजा है कि शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) धड़ों का प्रदर्शन भी उम्मीद से बेहतर रहा है।

माना जा रहा है कि इस चुनाव के साथ ही शरद पवार और उद्धव ठाकरे की सियासी महत्व लगभग खत्म हो जाएगा।

आदित्य ठाकरे चुनाव हारते दिख रहे हैं, जबकि राज ठाकरे के बेटे जीत दर्ज करते नजर आ रहे हैं।

झारखंड में कांटे की लड़ाई है। अब तक के रुझानों के मुताबिक, यदि JMM+ सत्ता में बना रहता है, तो माना जाएगा कि हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई जनता को रास नहीं आई।

महाराष्ट्र में असली-नकली की लड़ाई खत्म हुई

महाराष्ट्र में शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) ने भी शानदार प्रदर्शन किया है।

वहीं महाविकास अघाड़ी में शरद पवार गुट सबसे कमजोर साबित हुआ है।

एकनाथ शिंदे असली शिवसेना साबित हुए हैं और शरद पवार की विरासत अब अजित पवार आगे ले जाएंगे।

लोगों को भाया हिंदुत्व का नारा!

ऐसा लग रहा है कि हिंदुत्व के मुद्दे के आगे सारे मुद्दे फीके पड़ गए।

फिर चाहे वो योगी आदित्यनाथ का जातिवाद पर दिया नारा ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ हो या फिर पीएम मोदी का एक हैं तो सेफ हैं’ का नारा।

इस जीत ने उन सारी बहस पर विराम लगा दिया है जिसमें ये कहा जा रहा था कि मोदी और योगी का जादू अब फीका पड़ने लगा है।

यूपी के राजा योगी 

दूसरी तरफ यूपी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की हार का मतलब है कि उत्तर प्रदेश में अभी भी योगी की राजा है।

बता दें कि महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों के साथ ही उत्तर प्रदेश, पंजाब और मध्य प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों के उपचुनाव के परिणाम भी 23 नवंबर को जारी हुए हैं।

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