इंदौर। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान से पहले सोमवार को इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय बम ने अपना नामांकन फॉर्म वापस ले लिया।
चुनाव में नाम वापसी का 29 अप्रैल को आखिरी दिन था। ऐन वक्त पर अचानक समीकरण बदल गए। जब अक्षय बम ने नाम वापस लिया तो कांग्रेस को उम्मीद थी कि उसके दूसरे उम्मीदवार मोतीसिंह पटेल का फॉर्म जमा करवा दें, लेकिन उनका भी फॉर्म तकनीकी गलती से निरस्त हो गया।
इसके बाद, अब भाजपा के उम्मीदवार शंकर लालवानी के सामने कांग्रेस का कोई भी प्रत्याशी नहीं बचा है। सोमवार की सुबह अक्षय बम भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ फॉर्म वापस लेने आए थे।
वहीं, भाजपा के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय ने एक्स पर पोस्ट कर अक्षय बम के नाम वापस लेने और भाजपा में शामिल होने की जानकारी सार्वजनिक की।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि इस संबंध में कांग्रेस आलाकमान की तरफ से पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को पहले ही बताया गया था कि इंदौर सीट में गड़बड़ी हो सकती है, लेकिन फिर भी वे इसे नहीं रोक पाए।
बता दें कि रविवार 28 अप्रैल को अक्षय बम चंदननगर क्षेत्र में पहुंचे थे, जहां उन्होंने जय श्रीराम के नारे लगाए थे। स्थानीय मीडिया जगत में ऐसी चर्चा है कि ये सारी पटकथा रविवार को ही लिखी व तय की जा चुकी थी।
कांग्रेस का प्लान B पर काम शुरू –
इंदौर लोकसभा क्षेत्र से अक्षय कांति बम के नाम वापस लेने के बाद कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच मंथन तेज हो गया है और मध्यप्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच इंदौर घटनाक्रम को लेकर बातचीत भी हुई है।
बताया जा रहा है कि इन बड़े नेताओं की बातचीत में निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन देने पर सहमति बनी है और इंदौर शहर कांग्रेस से मध्य प्रदेश कांग्रेस ने निर्दलीय प्रत्याशियों के नाम मांगे हैं।
कांग्रेस संगठन महामंत्री के मुताबिक, इंदौर कांग्रेस जिस निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन पर मुहर लगाएगी उसका नाम दिल्ली भेजा जाएगा। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि जो निर्दलीय कांग्रेस विचारधारा से जुड़ा हुआ होगा उसे पार्टी समर्थन देगी।
इंदौर से कांग्रेस को लगा एक और बड़ा झटका –
अक्षय बम के उम्मीदवारी वाला पर्चा वापस लेने और भाजपा में शामिल होने का झटका कांग्रेस को मिला ही था कि इसी बीच इंदौर विधानसभा नंबर 4 से कांग्रेस प्रत्याशी रहे दिग्गज नेता राजा मांधवानी ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया।