Ban on live broadcast of military operation: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर हैं। भारतीय सेना भी एक्शन मोड में है।
इसी बीच भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है।
न करें सैन्य अभियानों का लाइव प्रसारण
इस एडवाइजरी के मुताबिक सभी मीडिया चैनलों, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का लाइव प्रसारण न करने की सख्त सलाह दी है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी इस परामर्श में कहा गया है कि संवेदनशील सैन्य ऑपरेशन्स की रियल-टाइम रिपोर्टिंग देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकती है।
एडवाइजरी के प्रमुख बिंदु
लाइव कवरेज पर प्रतिबंध:
रक्षा बलों की आवाजाही, आतंकवाद विरोधी अभियान या सीमा पर हो रही कार्रवाइयों का सीधा प्रसारण न करें।
सरकारी ब्रीफिंग का पालन:
संवेदनशील ऑपरेशन्स की जानकारी केवल सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारियों के आधिकारिक बयान तक सीमित रखी जाए।
सोशल मीडिया को चेतावनी:
अफवाहों और अप्रमाणित सूचनाओं के प्रसार से बचने की हिदायत।
Ministry of Information and Broadcasting issues advisory to all Media channels to refrain from showing live coverage of defence operations and movement of security forces in the interest of national security
“In the interest of national security, all media platforms, news… pic.twitter.com/AASdtbFgTd
— ANI (@ANI) April 26, 2025
पिछले अनुभवों से सीख
मंत्रालय ने कारगिल युद्ध (1999), 26/11 मुंबई आतंकी हमले (2008) और कंधार विमान अपहरण (1999) जैसी घटनाओं का उदाहरण देते हुए बताया कि अति-उत्साही मीडिया कवरेज ने अतीत में सुरक्षा बलों की रणनीति को नुकसान पहुंचाया था।
उदाहरण के लिए, 26/11 के दौरान आतंकवादियों ने भारतीय मीडिया के लाइव टेलीकास्ट को देखकर अपनी रणनीति बदल ली थी।
विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
सुरक्षा विश्लेषक मेजर जनरल (रिटायर्ड) अमित खन्ना ने कहा, “यह एक समयोचित निर्णय है। दुश्मन अक्सर मीडिया रिपोर्ट्स का इस्तेमाल खुफिया जानकारी के लिए करता है।”
वहीं, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने मीडिया से “देशहित को प्राथमिकता देने” का आग्रह किया।
नागरिकों से भी किया अनुरोध
मंत्रालय ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे “सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी” के साथ काम करें।
इसके साथ ही, नागरिकों से अनुरोध भी किया गया है कि वे सोशल मीडिया पर सैन्य अभियानों से जुड़ी अफवाहों को शेयर न करें।
बात न मानने पर होगी कानूनी कार्रवाई
आतंकवाद विरोधी अभियानों का सीधा प्रसारण करना केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 का उल्लंघन है और इसके लिए कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
इसलिए, राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सभी टीवी चैनलों को आतंकवाद विरोधी अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का सीधा प्रसारण न करने की सलाह दी जाती है।
ऑपरेशन समाप्त होने तक मीडिया कवरेज, नामित सरकारी अधिकारी द्वारा आवधिक ब्रीफिंग तक सीमित हो सकती है।

क्या कुछ बड़ा करने वाला है भारत?
इस आदेश के सामने आने के बाद लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या भारत, पाकिस्तान के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन लेने वाला है?
पहलगाम हमले के बाद लिया फैसला
बता दें कि, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन इलाके में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को हिला दिया।
इस हमले में 27 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए। मारे गए लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे।
हमले के बाद सुरक्षाबलों ने कश्मीर घाटी में आतंकियों की खोज तेज कर दी है।
भारत सरकार ने भी आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए, कई अहम फैसले लिए हैं।