छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डबल बेंच ने प्रमोशन में आरक्षण के मामले में 2019 की राज्य सरकार के आदेश को पूरी तरह से निरस्त कर दिया है।
जिस कांग्रेस के भरोसे निशा बांगरे ने अपना करियर दांव पर लगाया उसी कांग्रेस ने एक हाथ बढ़ाकर दूसरे हाथ से उन्हें ठेंगा दिखा दिया और अब जबकि फुल ठगा हुआ महसूस कर रही हैं बांगरे मैडम तो उन्हें वापस नौकरी चाहिए।
देश में आजादी के बाद राजशाही तो नहीं रही, लेकिन राजघरानों का दबदबा सामाजिक तौर के साथ-साथ राजनीतिक तौर पर भी कायम है। लोकसभा चुनाव 2024 में ही उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पूरब से लेकर पश्चिम तक बीजेपी और कांग्रेस के टिकट पर राजे रजवाड़ों के वारिस चुनाव में ताल ठोक रहे हैं।
सुशासन बाबू यानी नीतीश कुमार पलटी मार आरजेडी का साथ छोड़ बीजेपी के साथ हो लिए हैं। नीतीश कुमार राजनीति की इंजीनियरिंग बखूबी जानते हैं। इसके बाद सवाल ये है कि क्या वे बीजेपी के लिए जरूरी हैं या फिर मजबूरी बन गए हैं। या फिर नीतीश खुद मोदी-शाह की राजनीति में फंस गए हैं।
बीजेपी सत्ताधारी दल है। लिहाजा उसके प्रिस्क्रिप्शन यानि वही संकल्प पत्र जिसपर सबकी निगाहें खास तौर पर होती है, वो तैयार है और इसका उनवान (शीर्षक) है भाजपा का संकल्प मोदी की गारंटी।