PM Modi on Agniveer : अग्निपथ केंद्र सरकार कि वो योजना जिसको लेकर हमेश विपक्ष ने तरह-तरह के आरोप लगाए हैं और अब प्रधानमंत्री ने उन सभी आरोपों का खुलकर जवाब दिया है ।
शुक्रवार 26 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में 1999 की जंग के नायकों को श्रद्धांजलि दी। पीएम कारगिल वॉर मेमोरियल भी गए थे।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने लद्दाख में शिंकुन ला टनल प्रोजेक्ट के लिए पहला वर्चुअल ब्लास्ट किया। यह दुनिया की सबसे ऊंचाई पर बनने वाली टनल है।
समुद्र तल से इसकी ऊंचाई करीब 15,800 फीट है। यह हिमाचल प्रदेश की लाहौल वैली को लद्दाख की जास्कर वैली से जोड़ेगी।
इसे बनाने में करीब 1681 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। टनल बन जाने के बाद यहां सालभर आवाजाही की जा सकेगी।
वहीं द्रास में कारगिल विजय दिवस के रजत जयंती समारोह के संबोधन में पीएम मोदी पाकिस्तान, आतंकवाद, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अग्निपथ योजना और विपक्ष पर बोले।
खासकर अग्निवीर को लेकर लगाए आरोपों पर प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर जमकर प्रहार किए।
दरअसल अग्निपथ योजना को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 1 जुलाई को संसद में जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए लुधियाना के अग्निवीर अजय के परिवार को मुआवजा न मिलने का मुद्दा फिर उठाया।
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सदन में कहा था कि पूरा देश जानता है कि ये सेना की स्कीम है। सेना जानती है कि ये स्कीम सेना की नहीं, PM का ब्रेन चाइल्ड है। अग्निवीर जवानों के खिलाफ, सेना के खिलाफ है।
राहुल गांधी ने दावा किया था कि अग्निवीर को ‘जवान’ नहीं कहा जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि चार साल तक सेवा करने वाले अग्निवीरों को पेंशन भी नहीं दी जाती है।
तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि शहीद अग्निवीरों के परिवार को 1 करोड़ रुपए मुआवजे के रूप में मिलता है।
इसी पर जारी अपने वीडियो में राहुल ने कहा कि शहीद अग्निवीर के पिता ने सच्चाई बताई है कि उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। साथ ही राहुल ने एक और वीडियो पोस्ट किया था जिसमें वे शहीद अजय के पिता से बात करते नजर आ रहे हैं।
16 जून 2022 को अग्निपथ योजना की घोषणा केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले जवानों को ‘अग्निवीर’ के नाम से जाना जाता है और भर्ती होने वाले युवाओं का सेवाकाल 4 साल का होता है।
आईए जानते हैं अग्निपथ स्कीम से जुड़ी जानकारी के बारे में –
- आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में 4 साल के लिए युवाओं की भर्ती
- आवेदन के लिए अभ्यर्थी की उम्र 17.5 से लेकर 21 वर्ष तक
- बिना साइंस की पढाई किए कोई अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर सकता
- अभ्यर्थियों का 12वीं कक्षा में 50 फीसदी नंबर्स होना अनिवार्य
- अग्निवीर की कई भर्तियों में इंजीनियरिंग की डिग्री भी जरूरी
- तीनों सेनाओं में अविवाहित अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकते हैं
- 4 साल की नौकरी के दौरान भी विवाह की अनुमति नहीं होती है
- 4 साल के आधार पर रेटिंग देखकर मेरिट लिस्ट तैयार होती है
- 25 फीसदी अग्निवीरों को सेना में परमानेंट कर दिया जाता है
- बाकी जवान वापस आकर नौकरी या कारोबार कर सकते हैं
- 4 साल की नौकरी में कुल 23 लाख 43 हजार 160 रुपये मिलेंगे
- जिसमें हर महीने की सैलरी के अलावा रिटायरमेंट फंड भी शामिल
- 4 साल में एक अग्निवीर को कुल 11,72,160 रुपये सैलरी मिलेगी
- रिटायरमेंट फंड के तौर पर एकमुश्त 11,72,160 रुपये मिलेंगे
- इस पैसे पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा
- आधा योगदान अग्निवीर का रहेगा और आधा सरकार देगी
चार साल की नौकरी में अग्निवीर को पहले साल 30,000 रुपये मासिक सैलरी मिलेगी। दूसरे साल में हर महीने 33000 रुपये, तीसरे साल में 36,5000 रुपये और चौथे साल 40,000 रुपये मासिक सैलरी मिलेगी।
इसमें हर महीने सैलरी से 30 फीसद अमाउंट कटेगा और इतनी ही राशि सरकार देगी। सैलरी के अलावा रिस्क और हार्डशिप अलाउंस, राशन अलाउंस, ड्रेस और ट्रैवल अलाउंस मिलेगा।
ऑन ड्यूटी मृत्यु होने पर अग्निवीर के परिवार को 48 लाख रुपये का बीमा कवर, 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, चार साल के कार्यकाल में बचे समय का पूर्ण वेतन और सेवा निधि दी जाती है।
वहीं अगर अग्निवीर की मृत्यु ड्यूटी के दौरान नहीं होती है तो परिवारजनों को 48 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाता है लेकिन उसे 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि नहीं दी जाएगी।
इसके अलावा अगर अग्निवीर ड्यूटी के दौरान विकलांग हो जाता है, तब भी उसे सरकार की तरफ से राशि दी जाती है।
अगर युवा 100 प्रतिशत विकलांग हो जाता है तो उसे 44 लाख, 50 प्रतिशत पर 25 लाख और 25 प्रतिशत की विकलांगता पर 15 लाख की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
इसके अलावा चार साल तक का पूर्ण वेतन और सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान मिलेगा।
केंद्र सरकार का तर्क है कि अग्निवीर को सुविधाएं रेगुलर सैनिक की तरह ही मिलेंगी। लेकिन दोनों को दिए जाने वाले फायदे में काफी फर्क है।
आर्मी जवान को शुरुआती सैलरी 40 हजार रुपये प्रतिमाह मिलती है। वहीं अग्निवीर जवान को 30 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाते हैं।
रेगुलर सैनिक को सेवानिवृति के बाद हर महीने पेंशन मिलती है और शहीद होने पर उनके परिवार को उनकी आखिरी सैलरी के हिसाब से पेंशन दी जाती है । वहीं अग्निवीर को ऐसा कोई बेनिफिट नहीं मिलता है।
कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सरकार ने ये योजना साल दर साल बढ़ते डिफेंस पेंशन अमाउंट को कम करने के लिए लॉन्च की है।