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NEET परीक्षा में धांधली पर राहुल गांधी बोले- BJP शासित राज्य पेपर लीक के एपिसेंटर बन चुके हैं

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Manish Kumar
Manish Kumarhttps://chauthakhambha.com/
मनीष आधुनिक पत्रकारिता के इस डिजिटल माध्यम को अच्छी तरह समझते हैं। इसके पीछे उनका करीब 16 वर्ष का अनुभव ही वजह है। वे दैनिक भास्कर, नईदुनिया जैसे संस्थानों की वेबसाइट में काफ़ी समय तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। देशगांव डॉट कॉम और न्यूज निब (शॉर्ट न्यूज ऐप) की मुख्य टीम का हिस्सा रहे। मनीष फैक्ट चैकिंग में निपुण हैं। वे गूगल न्यूज इनिशिएटिव व डाटालीड्स के संयुक्त कार्यक्रम फैक्टशाला के सर्टिफाइट फैक्ट चेकर व ट्रेनर हैं। भोपाल के माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुके मनीष मानते हैं कि गांव और शहर की खबरों को जोड़ने के लिए मीडिया में माध्यमों की लगातार ज़रूरत है।

नई दिल्ली। NEET परीक्षा में धांधली को लेकर एक ओर जहां छात्र और विभिन्न संगठन NTA और केंद्र सरकार पर लगातार सवाल उठा रहे हैं तो वहीं कांग्रेस भी लगातार हमला बोल रही है।

NEET परीक्षा में धांधली को लेकर अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी केंद्र की मोदी पर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि पीएम मोदी इस मुद्दे पर मौन साधे हुए हैं और बीजेपी शासित राज्य पेपर लीक के एपिसेंटर बन चुके हैं।

राहुल गांधी ने सोशल मीडया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट लिखी है कि NEET परीक्षा में 24 लाख से अधिक छात्रों के भविष्य के साथ हुए खिलवाड़ पर भी नरेंद्र मोदी हमेशा की तरह मौन धारण किए हुए हैं।

बिहार, गुजरात और हरियाणा में हुई गिरफ्तारियों से साफ है कि परीक्षा में योजनाबद्ध तरीके से संगठित भ्रष्टाचार हुआ है और ये भाजपा शासित राज्य पेपर लीक का एपिसेंटर बन चुके हैं।

इतना ही नहीं, रायबरेली से सांसद राहुल ने कहा है कि हमारे न्यायपत्र में पेपर लीक के विरुद्ध सख्त कानून बना कर युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने की हमने गारंटी दी थी।

विपक्ष की जिम्मेदारी निभाते हुए हम देश भर के युवाओं की आवाज सड़क से संसद तक मजबूती से उठा कर और सरकार पर दबाव डाल कर ऐसी कठोर नीतियों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं।

बता दें कि इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में NEET परीक्षा में धांधली की जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई हुई जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि NEET-UG 2024 परीक्षा के आयोजन में किसी की तरफ से ‘0.001 प्रतिशत लापरवाही’ भी हुई हो, तब भी उससे पूरी तरह से निपटा जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन बेंच ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि छात्र विशेष रूप से इन परीक्षाओं की तैयारी करते समय कितना परिश्रम करते हैं।

कल्पना कीजिए कि व्यवस्था से धोखाधड़ी करने वाला कोई व्यक्ति चिकित्सक बन जाए। वह समाज के लिए कितना अधिक घातक है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन बेंच ने इस मामले में 8 जुलाई तक NTA और केंद्र सरकार से जवाब देने के लिए कहा है।

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