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राहुल गांधी : अमेठी में हुई थी हार, क्या रायबरेली में लगेगी नैया पार!

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नई दिल्ली। रायबरेली और अमेठी, लोकसभा की ऐसी सीट जो गांधी परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती है, लेकिन लगता है कि वो दिन लद गए हैं क्योंकि बदलते सियासी परिदृश्य में गांधी परिवार को अपना घर बचाना भी भारी पड़ रहा है।

याद हो कि जिस अमेठी सीट पर गांधी परिवार का ठप्पा लगा हुआ करता था, पिछली दफा वहां की जनता ने कांग्रेस के शहजादे राहुल गांधी को पीठ दिखा दी थी और बीजेपी की स्मृति ईरानी ने जीत हासिल कर इतिहास रच दिया था।

अमेठी से चुनाव हारने वाले राहुल गांधी अब कांग्रेस की एक परंपरागत मानी जाने वाली रायबरेली सीट से किला लड़ाने जा रहे हैं। रायबरेली से राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे, कांग्रेस ने ये एलान कर दिया है।

राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर मध्य प्रदेश के सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने तंज कसा है। सीएम मोहन यादव ने साफ कहा कि इस बार रायबरेली से भी राहुल गांधी हारेंगे।

आपको बता दें कि जिस पैतृक सीट रायबरेली से राहुल गांधी चुनाव लड़ने जा रहे हैं, इस सीट से 1952 में फिरोज गांधी ने चुनाव जीता था और 1958 में भी वो रायबरेली से विजयी रहे थे।

उनके निधन के बाद इंदिरा गांधी ने 1967 में इस सीट से पर्चा भरकर सियासी जीवन शुरू किया और ये सीट गांधी परिवार की विरासत बन गई। 2004 से सोनिया गांधी इस सीट से चुनाव जीतीं और लगातार पांच बार यहां से सांसद रहीं।

कयास लगाए जा रहे थे कि प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस इस बार रायबरेली से चुनाव मैदान में उतारेगी, लेकिन ऐनवक्त पर राहुल गांधी को यहां से चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया गया।

बहरहाल जिस सीट पर गांधी परिवार का हमेशा से ही कब्जा रहा है, उस लिहाज से राहुल गांधी के लिए ये सुरक्षित सीट कही जा सकती है, लेकिन पिछली बार अमेठी में बीजेपी ने जो करिश्मा किया था उसे देखते हुए रायबरेली में भी करामात करने के इरादे से बीजेपी किला लड़ाएगी, ऐसा कहना गलत नहीं होगा।

रायबरेली से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के ऐलान ने इस चुनाव को रोचक तो बना दिया है। आगे-आगे देखिए होता है क्या…

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