Early winter in October: अक्टूबर का महीना शुरू होते ही देश के कई हिस्सों के लोगों ने अपने-अपने स्वेटर और जर्सी निकाल लिए हैं।
बाजारों में गर्म कपड़ों की दुकानें चमक उठी हैं।
आमतौर पर दिवाली के बाद या नवंबर में पड़ने वाली हल्की ठंड इस बार अक्टूबर की शुरुआत में ही महसूस होने लगी है।
यह बदलाव इतनी जल्दी हुआ है कि हर कोई पूछ रहा है – “आखिर इस बार सर्दियां इतनी जल्दी क्यों आ गईं?”
आइए, जानते हैं मौसम के इस बदलाव के पीछे की वजहें और देशभर में इसका असर…
मौसम के पैटर्न में बदलाव है मुख्य वजह
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, इस समय से पहले ठंड के लिए मुख्य रूप से ‘पश्चिमी विक्षोभ’ जिम्मेदार है।
सितंबर के अंत तक दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी शुरू होते ही पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया।
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर या अटलांटिक महासागर की ओर से आने वाली एक विशेष मौसम प्रणाली है, जो भारत के उत्तरी भागों में बारिश या बर्फबारी लाती है।
इस बार, इसका प्रभाव काफी स्पष्ट रहा।
इसी के चलते जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों के ऊंचे इलाकों में अक्टूबर की शुरुआत में ही बर्फबारी शुरू हो गई।
पहाड़ों पर जमी बर्फ ने ठंडी हवाओं को पूरे उत्तर भारत और यहाँ तक कि मध्य भारत तक पहुंचा दिया।
यही ठंडी हवाएं हैं जो समय से पहले सर्दी का अहसास करा रही हैं।
देशभर में ठंड का क्या है हाल?
उत्तर भारत: राजधानी दिल्ली में इस सीजन का अब तक का सबसे कम तापमान (लगभग 20 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया है। सुबह और शाम की हवा में स्पष्ट ठंडक महसूस हो रही है। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में हल्की बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी है, हालाँकि अगले कुछ दिनों में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है।
मध्य प्रदेश: यहां का हाल विशेष रूप से चर्चा में है।
पहाड़ों से आ रही ठंडी हवाओं का सीधा असर मध्य प्रदेश के तापमान पर पड़ा है।
राज्य के कम से कम 22 शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया।
- राजगढ़ राज्य का सबसे ठंडा शहर रहा, जहाँ तापमान 14.6 डिग्री तक पहुँच गया।
- इंदौर में 15.5 डिग्री, भोपाल में 18 डिग्री, उज्जैन में 18.5 डिग्री और ग्वालियर में 18.9 डिग्री तापमान रहा।
- दक्षिणी जिलों जैसे बालाघाट में अभी भी बारिश हो रही है, जबकि अन्य जिलों में मानसून पूरी तरह से विदा हो चुका है।
दक्षिण भारत: दक्षिणी राज्यों के कई हिस्सों में अभी भी बारिश का दौर जारी है, लेकिन उत्तर से आ रही ठंडी हवाओं के असर से वहाँ भी तापमान में हल्की गिरावट देखी जा सकती है।
सेहत का रखें ख्याल, ये सावधानियां हैं जरूरी
मौसम में अचानक आए इस बदलाव का सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। ऐसे में जरूरी है कि कुछ सावधानियां बरती जाएं:
- गर्म कपड़े पहनें: सुबह और शाम के वक्त हल्के स्वेटर या जैकेट पहनकर निकलें। शरीर को अचानक ठंड से बचाना जरूरी है।
- सुबह-शाम नहाएं नहीं: ठंडे पानी की जगह हल्के गुनगुने पानी से नहाना बेहतर रहेगा।
- गर्म और पौष्टिक आहार लें: अपनी डाइट में सूप, हल्दी वाला दूध, ड्राई फ्रूट्स और गर्म खिचड़ी जैसी चीजों को शामिल करें।
- बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें: ठंड का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों और छोटे बच्चों पर पड़ता है। उन्हें गर्म कपड़े पहनाएं और ठंडी हवाओं से बचाएं।
- प्रदूषण से बचाव: सर्दियों के आते ही वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है। घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनना फायदेमंद रहेगा।
साफ है कि मौसम के चक्र में इस बार बदलाव देखने को मिल रहा है।
पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता ने सर्दियों का आगाज जल्दी कर दिया है।
हालांकि, यह ठंड अभी ‘गुलाबी ठंड’ का हिस्सा है, जो दिसंबर-जनवरी की कड़ाके की सर्दी से पहले का एक हल्का दौर होता है।
फिलहाल, मौसम का आनंद लें, लेकिन अपनी सेहत का भी पूरा ख्याल रखें।


