Indian Women Taking Loans: भारत में आत्मनिर्भर महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं और अब तो महिलाएं लोन लेने के मामले में भी पुरुषों से आगे निकल गई हैं।
इस बात का खुलासा नीति आयोग की एक रिपोर्ट में हुआ है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में लोन लेने वाली महिलाओं की संख्ता तेजी से बढ़ रही है।
लोन लेकर ज्यादातर महिलाएं अपने सपने पूरे कर रही हैं और घर-कार जैसी चीजें खरीद रही हैं।
60 फीसदी महिलाएं ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों से
थिंक टैंक नीति आयोग ने ‘फ्रॉम बॉरोवर्स टू बिल्डर्स’ वीमन रोल इन इंडिया फाइनेंशियल ग्रोथ स्टोरी नाम की रिपोर्ट जारी की है, जिसमें ये खुलासे हुए हैं।
दिलचस्प बात ये है कि लोन लेने वाली ज्यादातर महिलाएं शहरों की नहीं हैं। इनमें से करीब 60 फीसदी ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों से हैं।

5 साल में 22 प्रतिशत बढ़ी संख्या
बीते 5 साल में लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वर्ष 2019 के बाद, व्यावसायिक गतिविधियों के लिए महिलाओं के नाम पर खोले गए खातों की संख्या में भी 4.6 गुना वृद्धि हुई है।
इन राज्यों की महिलाओं ने 5 सालों में लिया सबसे ज्यादा लोन
मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जहां पिछले 5 वर्षों में महिलाओं ने सबसे ज्यादा लोन लिया है।
महिलाएं खुद को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए अच्छी वित्तीय योजना भी बना रही हैं।

इन चीजों के लिए लिया सबसे ज्यादा लोन
इस रिपोर्ट के अनुसार भारतीय महिलाएं सबसे ज्यादा लोन खुद के लिए और घर खरीदने के लिए ले रही हैं।
करीब 42 फीसदी लोन निजी इस्तेमाल की चीजों के साथ-साथ घर के स्वामित्व के लिए लिए गए हैं।
महिलाओं ने बिजनेस से जुड़ी चीजों के लिए सिर्फ 3 फीसदी लोन लिया है।
इसके अलावा सोने के बदले लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या 38 फीसदी है।
क्रेडिट स्कोर की निगरानी में भी आगे
महिलाएं न केवल लोन लेने में आगे बल्कि नियमित रूप से अपने क्रेडिट स्कोर की निगरानी भी कर रही हैं।
दिसंबर 2024 तक कुल 2.7 करोड़ महिलाओं ने अपना क्रेडिट स्कोर चेक किया।

महिलाओं को आ रही हैं ये समस्याएं
लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या भले ही बढ़ गई हो लेकिन बैंकों से जुड़े नियमों और गारंटी के बारे में अच्छी जानकारी न होने के कारण महिलाओं को कुछ समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है।
महिला उद्यमिता को मिले बढ़ावा
नीति आयोग की मुख्य आर्थिक सलाहकार अन्ना रॉय ने महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने की सलाह दी है।
उनका कहना है कि अगर सरकार महिला उद्यमिता को बढ़ाने के लिए प्रयास करे तो करीब 15 से 17 करोड़ महिलाओं की भागीदारी बढ़ सकती है।