Rajendra Gautam Joins Congress: हरियाणा में गठबंधन की बातचीत के बीच कांग्रेस ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी को झटका दिया है।
आप विधायक राजेंद्र पाल गौतम कांग्रेस में शामिल हो गए।
राजेंद्र गौतम ने कांग्रेस का हाथ थामने और केजरीवाल का साथ छोड़ने की वजह भी बताई।
केजरीवाल का साथ छोड़ने से लेकर कांग्रेस का हाथ थामने तक
आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता राजेंद्र पाल गौतम ने कांग्रेस का दामन थामने के बाद बताया कि उन्होंने कांग्रेस क्यों ज्वाइन की है?
राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि राहुल गांधी सामाजिक न्याय, जाति जनगणना और जनसंख्या के अनुसार प्रतिनिधित्व की बात करते हैं। उन्होंने आप आदमी पार्टी को सामाजिक न्याय और अनुसूचित जाति-जनजाति विरोधी बताया है।
कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge से श्री @KRajuINC, श्री @RajeshLilothia और श्री @AdvRajendraPal ने मुलाकात की।
📍 नई दिल्ली pic.twitter.com/7ClodFWETw
— Congress (@INCIndia) September 6, 2024
राजेंद्र पाल ने कहा कि अगर AAP इसके लिए काम करने को तैयार नहीं है और कांग्रेस काम कर रही है, तो मैं उनके साथ क्यों न जुड़ जाऊं?
कांग्रेस में जाने से पहले राजेंद्र पाल गौतम ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के नाम खुला पत्र भी लिखा था।
सामाजिक न्याय व सभी क्षेत्रों में बहुजन समाज की हिस्सेदारी तथा भागेदारी के संघर्ष को गतिमान करने के लिए मैं आम आदमी पार्टी के सभी पदों व सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहा हूँ !
जय भीम ! pic.twitter.com/vzwfO8mCHB— (समण) Rajendra Pal Gautam (@AdvRajendraPal) September 6, 2024
जिसमें उन्होंने कहा कि वो आगे भी अरविंद केजरीवाल का सम्मान करते रहेंगे लेकिन कुछ मुद्दों को लेकर वो आम आदमी पार्टी से निराश हैं। इसलिए वो इस्तीफे का ऐलान कर रहे हैं।
इस बयान की वजह से राजेंद्र पाल गौतम ने गवाई मंत्री की कुर्सी
राजेंद्र गौतम दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ ग्रुजुएट हैं। वे 2014 में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे।
राजेंद्र गौतम दलित एक्टिविस्ट और वकील के साथ दो बार के विधायक हैं।
दिल्ली सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम को विपक्ष के दबाव के चलते 9 अक्टूबर 2022 को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसका कारण था उनका गौतम हिंदू देवी-देवताओं को लेकर विवादित बयान।
हालांकि राजेंद्र गौतम कई सालों से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। वकालत करने वाले राजेंद्र पाल बड़े बेबाक अंदाज में अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं।
राजेंद्र पाल गौतम ने गरीब परिवारों के तकरीबन 500 बच्चों को मुफ्त शिक्षा दिलाने का काम कर चुके हैं। इसके साथ वह युवाओं में नशे की लत छुड़ाने का काम भी शिद्दत से कर चुके हैं।
उनके इन्हीं कार्यों के चलते साल 2001 में दिल्ली सरकार ने डॉ. आंबेडकर रत्न अवार्ड प्रदान किया था।
AAP का दलित चेहरा कांग्रेस में शामिल
दिल्ली में एक कार्यक्रम में राजेन्द्र पाल गौतम ने दलित समुदाय के लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के दौरान हिन्दू समुदाय पर अभद्र टिप्पणी करने के कारण अरविंद केजरीवाल सरकार ने उन्हें मंत्री पद से हटा दिया था।
तब से वे पार्टी में साइड लाइन चल रहे थे। लंबे इंतजार के बाद राजेन्द्र पाल गौतम ने कांग्रेस का दामन थामा है। जो दिल्ली में आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
इसके पहले पार्टी के एक और दलित चेहरे राजकुमार ने आम आदमी पार्टी का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था।
राजेन्द्र पाल गौतम और राजकुमार को दिल्ली के दलित समाज के सम्मानित चेहरों के रूप में देखे जाते हैं।
राजेन्द्र पाल गौतम सीमापुरी सहित पूर्वी दिल्ली के दलित समाज में लोकप्रिय हैं। इसी तरह राजकुमार भी अपने समुदाय के लोगों के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं।
कांग्रेस-आम आदमी पार्टी के गठबंधन पर पड़ेगा असर
हरियाणा में गठबंधन की बातचीत के बीच कांग्रेस ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी को झटका दिया है। इससे दोनों राज्यों में गठबंधन पर असर पड़ेगा।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर आप और कांग्रेस में गठबंधन को लेकर कई बैठकें हो चुकी है, लेकिन बात अब तक नहीं बन पाई है।
सूत्रों ने बताया कि आप 90 में से 10 सीटों की मांग कर रही है। वहीं कांग्रेस इसके लिए राजी नहीं है और आम आदमी पार्टी 5 से ज्यादा सीटें नहीं देना चाहती है।
वहीं कहा ये भी जा रहा है कि कांग्रेस-आम आदमी पार्टी का गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर जरूर था लेकिन दिल्ली में इसकी कोई संभावना नहीं है।
लगभग छह महीने के बाद फरवरी में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं। दिल्ली में दलित समाज और मुसलमानों के बीच आम आदमी पार्टी को सबसे मजबूत माना जाता है।
इन समुदायों पर पकड़ के बल पर ही अरविंद केजरीवाल 2014-15 से दिल्ली की राजनीति में अजेय बने हुए हैं।
ऐसे में राजेन्द्र पाल गौतम और राजकुमार दोनों ही नेता आम आदमी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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