Ashadha Month 2024: इस साल आषाढ़ महीने की शुरुआत 23 जून से होने जा रही है। इस दौरान तिथियों के क्षय होने से आषाढ़ कृष्ण पक्ष 15 की बजाय 13 दिन का होगा।
इस काल को दुर्योग (Duryoga) काल कहा जाता है। और जब भी ऐसा कुछ होता है तो जनता को नुकसान, रोग, महंगाई व प्राकृतिक प्रकोप, झगड़ों का सामना करना पड़ सकता है।
सालों बाद आया दुर्योग
-माना जाता है कि जब भी ऐसा संयोग या ये कहे कि जब भी ऐसा दुर्योग बनता है, देश-दुनिया में भूकंप, बाढ़, आपदा, युद्ध जैसी दुर्घटनाएं होती है।
-सबसे पहले महाभारत युद्ध के समय ऐसा दुर्योग बना था जब 13 दिन का आषाढ़ कृष्ण पक्ष था। उस विनाश के बारे में तो हर कोई जानता है।
कैसा होता है 13 दिन का पक्ष
सामान्य रूप से प्रत्येक माह में दो पक्ष होते हैं। प्रत्येक पक्ष में 15 अथवा 14 तिथियों का मान रहता है, लेकिन कभी कभार ही ऐसा होता है जब दो तिथियों का क्षय (कम) होन से 13 दिन का पक्ष बन जाता है।
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इस साल ये योग सूर्य और चंद्र की गति के कारण बन रहा है। 23 जून से 5 जुलाई के बीच दो तिथियां क्षय होने से यह स्थिति बनेगी। इसमें आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा और आषाढ़ कृष्ण चतुर्दशी तिथि का क्षय होगा।
आषाढ़ कृष्ण पक्ष के 13 दिन अशुभ
यह संयोग शुभ नहीं माना जाता है. लिहाजा दुर्योग काल के 13 दिनों तक शुभ काम या कोई भी मांगलिक काम नहीं करना चाहिए।
इसे शास्त्रों में विश्व घस्र पक्ष नाम दिया गया है. इन 13 दिनों को अशुभ माना जाता है. इस बार यह पक्ष 23 जून से शुरू होकर 5 जुलाई तक रहेगा।
हालांकि, बहुत जरूरी होने पर शुभ दिन और तिथि देखकर काम किया जा सकता है।
पंचांग के अनुसार संवत 2081 में आषाढ़ मास 23 जून से 21 जुलाई तक रहेगा।
हो सकती है बड़ी जन-धन की हानि
- 13 दिनों के पक्ष के चलते भारत के राजा पर किसी तरह की मुसीबत आ सकती है या इसकी शुरुआत हो सकती है।
- 13 दिनों के पक्ष के चलते जनता को नुकसान, रोग संक्रमण, महामारी, महंगाई, प्राकृतिक आपदा, लड़ाई झगड़ा, विवाद बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
- अतिवृष्टि, अनावृष्टि, राजसत्ता का परिवर्तन, वर्ग भेद आदि उपद्रव होने की संभावना पूरे साल बनी रहती है।
- ऐसा कहते हैं कि जब भी 13 दिन का पखवाड़ा आता है तब भूकंप समेत कई अप्रिय घटनाएं होती हैं।
ज्योतिष के अनुसार इन्हीं 13 दिनों के अंदर भविष्य की विनाशकारी घटनाओं की नींव रख दी जाती है।
13 दिन के आषाढ़ कृष्ण पक्ष में हुए ये हादसे
- ऐसा पहला संयोग द्वापर युग में बना था जब कौरव-पांडव युद्ध हुआ। द्वापर युग के महाभारत काल में 13 दिन के पक्ष में यह पहला दुर्योग काल निर्मित हुआ था।
- इस दौरान कौरव व पांडवों के बीच भीषण युद्ध हुआ तथा अपार जनहानि हुई।
- ये समय श्राद्ध पक्ष की तरह अशुभ है।
- महाभारत सहित कई बड़े युद्ध ऐसे ही 13 दिन में हुए हैं।
- साल 1937 में 13 दिन के पक्ष में ही विनाशकारी भूकंप आया था।
- वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध हुआ। तब भी एक पक्ष 13 दिन का था।
- वर्ष 1999 के 13 दिन पक्ष में ही करगिल युद्ध हुआ था।
- 31 साल पहले वर्ष 1993 में भी आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में भी ऐसी स्थिति बनी थी। उस दौरान मुंबई में बम ब्लास्ट हुए थे और हिंदू-मुस्लिम दंगे भी हुए थे।
शुभ काम वर्जित
इस दौरान विवाह, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश और कोई भी नया या शुभ काम नहीं शुरू करना चाहिए।
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