Nautapa 2025: नौतपा हिंदू पंचांग के अनुसार वह विशेष समय होता है जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है।
इस दौरान सूर्य पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है, जिससे गर्मी का प्रभाव बहुत अधिक बढ़ जाता है।
नौतपा को “नवतपा” भी कहा जाता है, क्योंकि यह 9 दिनों तक चलता है।
इस साल नौतपा 25 मई 2025 से 3 जून 2025 तक रहेगा।
नौतपा का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नौतपा के दौरान सूर्य देव धरती को तपाते हैं।
यह समय अत्यधिक गर्मी और लू के लिए जाना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दौरान चंद्रमा भी 9 नक्षत्रों में भ्रमण करता है, जिससे शीतलता का प्रभाव कम हो जाता है।
जितनी ज्यादा गर्मी, उतनी ज्यादा बारिश
वैज्ञानिक दृष्टि से, इस समय सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं, जिससे तापमान 45-48°C तक पहुंच सकता है।
ऐसा माना जाता है कि अगर नौतपा के दौरान बारिश नहीं होती, तो मानसून अच्छा रहता है।
नौतपा 2025 की तिथियां और योग
- 25 मई 2025: सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश (सुबह 9:31 बजे)
- 27 मई: कुमार योग, द्विपुष्कर योग
- 28 मई: सर्वार्थ सिद्धि योग
- 29-30 मई: रवि योग
- 3 जून: नौतपा समाप्त
नौतपा में क्या करें?
- सूर्य को जल चढ़ाएं: प्रतिदिन सुबह तांबे के लोटे से जल अर्पित करें।
- ठंडी चीजों का दान करें: पानी, छाछ, सत्तू, पंखे आदि का दान करना शुभ माना जाता है।
- हल्का और सात्विक भोजन करें: दही, फल, सत्तू और ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करें।
- भगवान कृष्ण की पूजा करें: रोहिणी नक्षत्र का संबंध भगवान कृष्ण से है।
- प्याऊ लगवाएं: गर्मी से पीड़ित लोगों और जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था करें।
नौतपा में क्या न करें?
- दोपहर में धूप में न निकलें: लू लगने का खतरा रहता है।
- तला-भुना और मांसाहार न खाएं: पाचन तंत्र को नुकसान हो सकता है।
- क्रोध और वाद-विवाद से बचें: मानसिक शांति बनाए रखें।
- पेड़ों की कटाई न करें: वृक्ष छाया और ऑक्सीजन देते हैं।
नौतपा और भविष्यवाणियां
विष्णु पुराण के अनुसार, हर साल नौतपा की गर्मी बढ़ती जाएगी, जो प्रलय का संकेत है।
कहा जाता है कि भविष्य में सूर्य की तपन इतनी बढ़ जाएगी कि नदियां और समुद्र सूख जाएंगे।
नौतपा का समय स्वास्थ्य और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
इस दौरान संयम बरतें, ठंडी चीजों का सेवन करें और दान-पुण्य करें।
गर्मी से बचाव के लिए हल्के सूती कपड़े पहनें और पर्याप्त पानी पिएं।