Ankita Bhandari Murder Case: 30 मई शुक्रवार को उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार जिला कोर्ट ने 2 साल 8 महीने बाद फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने भाजपा नेता और पूर्व मंत्री के बेटे पुलकित आर्य समेत 3 को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
पुलकित के अलावा उसके दो कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता इस मामले में आरोपी थे।
लाइव लॉ के अनुसार कोर्ट ने तीनों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
2 साल 8 महीने बाद आया फैसला
कोटद्वार जिला कोर्ट ने इस मामले में 2 साल 8 महीने के बाद फैसला दिया है।
तीनों दोषियों पर 50 -50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
यह फैसला 32 महीने लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आया, जिसमें आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण मिलने के आरोप लगते रहे।
अंकिता भंडारी केस की पूरी कहानी
3 साल पहले 18 सितंबर 2022 को 19 वर्षीय अंकिता भंडारी, जो यमकेश्वर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी, अचानक गायब हो गई।
5 दिन बाद, 24 सितंबर को उसका शव चीला नहर से बरामद हुआ।
जांच में पता चला कि रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य (एक BJP नेता का बेटा) और उसके दो सहयोगियों ने उसकी हत्या कर शव नहर में फेंक दिया था।
भीड़ ने रिसॉर्ट में लगा दी थी आग, सरकार ने चलाया था बुलडोजर
अंकिता की हत्या के बाद गुस्साई भीड़ ने पुलकित आर्य के रिसॉर्ट में आग लगा दी थी।
हंगामा बढ़ता देख उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता मर्डर केस की जांच के लिए SIT गठित की थी।
इसके अलावा पुलकित के रिसॉर्ट को बुलडोजर चलाकर ढहा दिया था।
आरोप क्या थे?
पुलकित आर्य पर हत्या (IPC 302), यौन उत्पीड़न (IPC 354A) और देह व्यापार के लिए दबाव बनाने के आरोप लगे।
सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर हत्या में सहयोग और साजिश (IPC 120B) का आरोप था।
फैसला क्यों देर से आया?
आरोपियों को VIP संरक्षण मिलने का आरोप लगा।
पीड़िता के परिवार ने कहा कि सरकार ने निष्पक्ष जांच में बाधा डाली।
केस को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए।
अंकिता के पिता की भावुक अपील
अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने फैसले से पहले कहा था:
“मैं अपनी जिंदगी में हत्यारों को फांसी पर लटकता देखना चाहता हूं। मेरी बेटी को इंसाफ मिलना चाहिए।”
केस की टाइमलाइन
- 18 सितंबर 2022: अंकिता लापता हुई।
- 24 सितंबर 2022: शव बरामद, तीनों आरोपी गिरफ्तार।
- 30 जनवरी 2023: कोर्ट में पहली सुनवाई।
- 30 मई 2025: तीनों आरोपी दोषी ठहराए गए।
अंकिता भंडारी केस ने उत्तराखंड की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे।
अब सजा सुनाए जाने के बाद, देशभर में यह उम्मीद जगी है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों को गंभीरता से लिया जाएगा।