Bengaluru Stampede: कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ई जयराम ने 6 जून को बेंगलुरु में हुई भगदड़ की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।
दोनों ने एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी।
इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक घायल हुए थे।
क्या था पूरा मामला?
4 जून को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने आईपीएल 2025 का फाइनल जीता था।
जीत के जश्न में चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर फैन्स मीट का आयोजन किया गया था।
अनियंत्रित भीड़ के कारण भगदड़ हो गई, जिसमें कई लोगों की जान चली गई।
पुलिस ने भीड़ प्रबंधन में लापरवाही बरतने के आरोप में RCB के मार्केटिंग हेड और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के 3 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया।
KSCA का बयान और इस्तीफे की वजह
KSCA की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया:
“पिछले दो दिनों में हुई अप्रत्याशित और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के कारण, हालांकि हमारी भूमिका सीमित थी, लेकिन नैतिक जिम्मेदारी के तहत हमने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।”
RCB, DNA और KSCA के खिलाफ FIR
हादसे के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना को प्रशासन की बड़ी विफलता बताया और मामले में जिम्मेदार अधिकारियों और आयोजकों पर कार्रवाई के आदेश दिए।
उन्होंने RCB, DNA इवेंट मैनेजमेंट कंपनी और KSCA के अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज करने और गिरफ्तारी के निर्देश दिए।
पुलिस ने सबसे पहले RCB के सीनियर मार्केटिंग ऑफिसर निखिल सोसाले को मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया, जब वह शहर छोड़ने की कोशिश कर रहा था।
इसके अलावा DNA एंटरटेनमेंट कंपनी के तीन अफसर – किरण, सुमंथ और सुनील मैथ्यू को हिरासत में लिया गया है।
कर्नाटक सरकार का कड़ा रुख
- मुख्यमंत्री ने घटना के बाद 8 पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया।
- राजनीतिक सचिव को भी हटाया गया।
- मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने और घायलों के इलाज की व्यवस्था की गई।
आरसीबी की प्रतिक्रिया
RCB ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने का वादा किया।
एक राहत कोष बनाया गया है, जिसमें खिलाड़ियों और प्रबंधन ने योगदान दिया।
अब तक की कार्रवाई
- 4 आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
- जांच समिति गठित की गई, जो भीड़ प्रबंधन में हुई गड़बड़ियों की जांच करेगी।
बहरहाल बेंगलुरु भगदड़ एक दुखद घटना थी, जिसने खेल उत्सव को शोक में बदल दिया।
आयोजकों पर लापरवाही का आरोप
हादसे के बाद आयोजन की व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे हैं।
स्थानीय प्रशासन और आयोजकों पर भीड़ नियंत्रण में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
चश्मदीदों का कहना है कि आयोजन के लिहाज से सुरक्षा इंतजाम नाकाफी थे।
पुलिस प्रशासन ने स्वीकार किया है कि अनुमान से कहीं अधिक भीड़ जमा हो गई थी।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने हादसे पर गहरा दुख जताया।
उन्होंने कहा कि हमने 5000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की थी।
लेकिन भीड़ की संख्या अप्रत्याशित रूप से ज्यादा थी।
स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है और विस्तृत रिपोर्ट जल्द दी जाएगी।”
बहरहाल बेंगलुरु भगदड़ एक दुखद घटना थी, जिसने खेल उत्सव को शोक में बदल दिया।
KSCA के अधिकारियों के इस्तीफे से प्रशासनिक जवाबदेही तो सुनिश्चित हुई, लेकिन अब भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े उपाय करने की जरूरत है।