india Covid 19 Cases: भारत में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में कोविड-19 के 1047 एक्टिव मामले हैं, जबकि पिछले एक हफ्ते में 11 मरीजों की मौत हो चुकी है।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 5 मौतें दर्ज की गई हैं, जबकि केरल में 430 एक्टिव मामलों के साथ सबसे अधिक संक्रमण है।
24 घंटे में 3 मौतें, जयपुर और ठाणे में मामले
- हाल ही में जयपुर में कोरोना से दो मौतें हुईं। एक मरीज रेलवे स्टेशन पर मृत पाया गया, जिसकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
- दूसरा मामला 26 साल के एक युवक का है, जिसे पहले से टीबी थी और उसकी मौत अस्पताल में हुई।
- महाराष्ट्र के ठाणे में भी एक कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत हुई।
- इससे पहले 25 मई को एक 21 साल के युवक की भी कोविड के कारण मृत्यु हो गई थी।
- कर्नाटक के बेंगलुरु में 17 मई को 84 साल के एक बुजुर्ग की मौत हुई, जिसकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव थी।
- केरल में भी दो मौतें दर्ज की गई हैं।
राज्यवार कोरोना की स्थिति
- केरल: 430 एक्टिव केस
- महाराष्ट्र: 208 एक्टिव केस, 5 मौतें
- दिल्ली: 104 एक्टिव केस
- गुजरात: 83 एक्टिव केस
- कर्नाटक: 80 एक्टिव केस (73 बेंगलुरु में)
पिछले सात दिनों में 787 नए मामले सामने आए हैं।
भारत में मिले कोविड के 4 नए वैरिएंट
ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 वैरिएंट मिले हैं।
इनमें से JN.1 सबसे प्रभावी है और यह देश के 50% से अधिक मामलों में पाया गया है।
NB.1.8.1 वैरिएंट कितना खतरनाक?
इस वैरिएंट में A435S, V445H और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन हैं, जो इसे तेजी से फैलने में सक्षम बनाते हैं।
यह वैरिएंट वैक्सीन या पहले से बनी इम्यूनिटी को भी चकमा दे सकता है।
हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अभी तक इन वैरिएंट्स को “चिंताजनक” नहीं माना है, लेकिन इन पर नजर रखी जा रही है।
क्या है JN.1 वैरिएंट
JN.1 वैरिएंट ओमिक्रॉन के BA.2.86 का एक उप-प्रकार है, जिसमें लगभग 30 म्यूटेशन हैं।
यह वैरिएंट इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है, लेकिन गंभीर बीमारी का खतरा कम है।
JN.1 के लक्षण:
- बुखार, खांसी, गले में खराश
- थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द
- कुछ मामलों में लक्षण हफ्तों तक बने रह सकते हैं (लॉन्ग कोविड)
अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलता है, लेकिन यह ज्यादा घातक नहीं है।
सावधानी बरतने की जरूरत
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना चाहिए।
मास्क पहनना, हाथ धोना और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना अभी भी जरूरी है।
खासकर बुजुर्ग और पहले से बीमार लोगों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।
सरकार ने भी राज्यों से कोविड टेस्टिंग और जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, ताकि नए वैरिएंट पर नजर रखी जा सके।