छत्तीसगढ़ में औसत से अधिक मतदान, किसे फायदा और किसे नुकसान?

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहले और दूसरे चरण में 4 लोकसभा सीटों बस्तर, कांकेर, महासमुंद और राजनांदगांव में मतदान हुआ। अब तक हुए दोनों चरणों के मतदान में बस्तर, कांकेर, महासमुंद और राजनांदगांव सीट पर साल 2019 की अपेक्षा ज्यादा वोटिंग हुई है।

आंकड़ों के लिहाज से देखें तो बस्तर में 2024 के लोकसभा चुनाव में 68.30% वोटिंग हुई, जो 2019 के मतदान प्रतिशत 66.04 से 2.26% अधिक है। उधर लोकसभा सीट कांकेर पर 2024 में 76.24% वोटिंग हुई है, जो 2019 के मुकाबले 1.97% अधिक है।

महासमुंद की बात करें तो 2024 में यहां 75.02% मतदान हुआ है जो 2019 में हुए चुनाव के 74.51% से 0.51% अधिक है। इसी तरह राजनांदगांव लोकसभा सीट पर 2024 में 77.42% वोटिंग हुई है जो 2019 में हुए 76.04% मतदान से 1.38 प्रतिशत ज्यादा है।

किसके पक्ष में अधिक मतदान?

  • बस्तर लोकसभा सीट
    2024 2019 अधिक
    68.30% 66.04 2.26%
  • कांकेर लोकसभा सीट
    2024 2019 अधिक
    76.24% 74.24 2.26%
  • महासमुंद लोकसभा सीट
    2024 2019 अधिक
    75.02% 74.51% .51%
  • राजनांदगांव लोकसभा सीट
    2024 2019 अधिक
    77.42% 76.04% 1.38

अधिक मतदान से कौन चिंतित?

अमूमन छत्तीसगढ़ में परसेप्शन है कि विधानसभा में वोटिंग प्रतिशत बढ़े तो राज्य सरकार को टेंशन हो जाती है। वहीं लोकसभा में वोटिंग प्रतिशत बढ़ता है तो बीजेपी को फायदा मिलता है।

ऐसे में इस बार भी पहले और दूसरे चरण में मतदान बढ़ा है जो कांग्रेस के लिए नुकसानदायक और बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। बीजेपी कार्यालय में अधिक मतदान की खबर के बाद आतिशबाजी भी हुई।

बढ़े हुए वोटिंग प्रतिशत ने दोनों दलों के प्रत्याशियों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। इन सबके बाद भी बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद से चार बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इन चुनावों में कांग्रेस राजनांदगांव और कांकेर सीट कभी भी नहीं जीत पाई है। महासमुंद लोकसभा सीट से एक बार अजीत जोगी जीते थे। 2009 से अब तक यह सीट बीजेपी के पास है।

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