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Summer Vacation: घूमने का हो प्लान तो जल्द बुक कर लें मध्य प्रदेश के ये 9 नेशनल पार्क

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

National Parks in Madhya Pradesh: अगर आप मध्यप्रदेश या उसके आस-पास के राज्य में रहते हैं। तो आप एमपी में स्थित नेशनल पार्क घूमने के लिए जा सकते हैं। क्योंकि एमपी में एक दो नहीं बल्कि 11 नेशनल पार्क हैं, जिनमें से 9 के बारे में हम आपको बताएंगे।

यहां आपको बंगाल टाइगर, सफेद बाघ, बर्ड्स वॉचिंग नदियां, झीले, बांध, मंदिर और एतिहासिक किले भी देखने का मौका मिलेगा। एमपी में इतने भव्य नेशनल पार्क हैं कि एक बार जाने के बाद आपका दिल यहां आने के लिए बार-बार करेगा।

1- कान्हा नेशनल पार्क (Kanha National Park)

कान्हा नेशनल पार्क एशिया के सबसे सुरम्य और खूबसूरत वन्यजीव रिजर्वो में एक है। इतना ही नहीं कान्हा मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर नेशनल पार्क भी है। जो बालाघाट जिले में है, ये पार्क दो जिलों मंडला और बालाघाट में फैले सतपुड़ा की मैकाल पहाड़ियों में स्थित है। इसे 1879 में एक संरक्षित वन घोषित किया गया था। और 1933 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया।

Image Credit: MP Tourism
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पार्क अपने सदाबहार साल के पेड़ के जंगलों के लिए भी जाना जाता है। यहां काला हिरन, बारहसिंहा, सांभर और चीतल को एक साथ देखा जा सकता है। इस उद्यान में बंदर और चीतल का साथ में दिखना बहुत आम बात है।

कान्हा में क्या-क्या देखें

यहां आप जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकते हैं वहीं सफारी के दौरान अगर आप सुबह जल्दी निकलेंगे तो किसली मैदान में एक सनसेट प्वाइंट भी देखने को मिलेगा। जिसे पार्क का सबसे खूबसूरत एरिया माना जाता है। यहां आप साइकिलिंग और खुली जीप का आनंद ले सकते हैं। रास्ते में आप आस पास स्थित गांव भी देखने जा सकते हैं।

यहां आपको कान्हा संग्रहालय,श्रवण वॉटरफॉल, सिंदूर के पेड़ भी देखने का मौका मिलेगा। साथ ही अगर आपके पास वक्त है तो आप कान्हा से 151 किलोमीटर दूर अमरकंटक देखने के लिए भी जा सकते हैं जो नर्मदा का उद्गम स्थल है और खूबसूरत वादियों से घिरा हुआ है।

कैसे पहुंचे

कान्हा नेशनल पार्क पहुंचने के लिए वायु मार्ग से जबलपुर, रायपुर और नागपुर सीधी उड़ानें हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन जबलपुर, नैनपुर, गोंदिया एवं जबलपुर मंडला जिले के खटिया एवं सरही गेट पहुंचा जा सकता है।

2- बांधवगढ़ नेशनल पार्क-(Bandhavgarh National Park)

मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ नेशनल पार्क, विश्वभर में प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि यहां पर सबसे ज्यादा टाइगर देखने को मिलते हैं। यहां के चप्पे चप्पे में टाइगर के निशान मिलते हैं। इन्हें देखने को लिए सैलानी खिंचे चले आते।

Image Credit: MP Tourism
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कहा जाता है कि जिसने बांधवगढ़ में टाइगर नहीं देखा वो अपनी सफारी के दौरान जरूर सो गया होगा। इसे साल 1968 में राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था, इसका क्षेत्रफल लगभग 437 वर्ग किमी तक फैला हुआ है। आपको जानकर हैरानी होगी कि बाधवगढ़ 32 पहाड़ियों से घिरा हुआ है। बांधवगढ़ जबलपुर, कटनी और सतना से जुड़ा हुआ है।

यह भारत में टाइगर सफारी के लिए पसंदीदा पार्कों में से एक बन गया है जिसमें जंगल में बाघों की तस्वीरें लेना, उन्हें ट्रैक करना शामिल है। बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान भारत के प्रसिद्ध बाघ निवासों में से एक है जो दुनिया के सबसे अधिक घनत्व वाले बंगाल टाइगर्स का आश्रय बना हुआ है।

जंगल सफारी के दौरान आप जीप से या फिर हाथी पर सवार होकर खूबसूरत जंगल का दीदार कर सकते हैं। साथ ही केन नदी के किनारे घूमने वाले जानवरों और पक्षियों को देखकर भी आपका मन खुश हो जाएगा। यकिन मानिए आपकी पूरी यात्रा रोमांच से भरपूर होगी।

3- कूनो नेशनल पार्क ( Kuno National Park)

कूनो नेशनल पार्क मध्यप्रदेश के मुरैना और श्योपुर जिले के बीच स्थित है। जहां आप अफ्रीकी चीतों का दीदार कर सकते हैं। साल 2022 में पांच मादा और तीन नर चीते नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क छोड़े गए थे।

चीतों के अलावा आप यहां कई अन्य विलुप्त प्रजातियों को देख सकते हैं जिनमें तेंदुआ, जंगली सुअर, भेड़िया, सियार, हिरण,नीलगाय, चिंकारा, बड़े सींग वाले हिरण, सांभर और कई अन्य जानवर शामिल हैं।

Image Credit: MP Tourism
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कैसे पहुंचे-
वायु मार्ग से आप ग्वालियर हवाई अड्डे तक पहुंचकर, सड़क मार्ग से कूनो नेशनल पार्क जा सकते हैं। ट्रेन मार्ग से आप ग्वालियर, सवाई कोटा या झांसी रेलवे स्टेशनों पर पहुंच सकते हैं उसके बाद टैक्सी, कैब या पर्सनल वाहन से कूनो की सैर कर सकते हैं।

4-‘मोगली’ का घर पेंच नेशनल पार्क (Pench National Park)

मध्यप्रदेश के सिवनी और छिंदवाड़ा जिले में स्थित है पेंच नेशनल पार्क। पेंच राष्ट्रीय उद्यान को मोगली लैंड भी जाता है। वर्ष 1993 में भारत सरकार द्वारा पेंच राष्ट्रीय उद्यान, पेंच अभ्यारण्य एवं कुछ अन्य वन क्षेत्रों को सम्मिलित करके देश का 19वां प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व बनाया गया। क्षेत्रफल के आधार पर पेंच भारत का सबसे छोटा टाइगर रिजर्व है।

सतपुड़ा की पर्वमाला के बीच घिरे पेंच नेशनल पार्क में खूबसूरत झीले, ऊंचें पेड़ों के सघन झुरमुट, रंगबिरंगे पक्षी, शीतल हवा के झोंके साथ ही बाघों का कुनबा भी देखने मिलेगा।

Image Credit: MP Tourism
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पेंच में लगभग 210 प्रजातियों के पक्षी भोजन और प्रजनन के लिए आश्रय लेते हैं। पेंच नेशनल पार्क के अलावा आप आस पास मौजूद रामटेक मंदिर, नगजीरा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी,पंचमढ़ी भी घूमने के लिए जा सकते हैं।

5- पन्ना नेशनल पार्क (Panna National Park)

मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में स्थित है, पन्ना नेशनल पार्क जो केन नदी के किनारे बना हुआ है। साल 2007 में पर्यटन मंत्रालय द्वारा भारत के सर्वश्रेष्ठ रखरखाव वाले राष्ट्रीय उद्यान के रूप में इसे पुरस्कृत किया जा चुका है।

Image Credit: MP Tourism
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केन नदी नेशनल पार्क का मुख्य आकर्षण है। पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को 1995 में भारत के टाइगर रिजर्व में से एक घोषित किया गया और प्रोजेक्ट टाइगर के संरक्षण में रखा गया। हालांकि यहां टाइगर का दीदार होना थोड़ा मुश्किल होगा। लेकिन हाथियों का यहां बहुत अच्छा अभ्यारण बना हुआ है जो आपका मन मोह लेगा।

वैसे पन्ना हीरे की खदान और मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है। अगर आप नेशनल पार्क घूमने का प्लान बना रहे हैं। तो आप पन्ना में राजा छत्रसाल का महल, वहां के विश्व प्रसिद्ध मंदिर, हीरे की खदान भी देखने के लिए जा सकते हैं। ये सफर आपके लिए काफी रोमांचक रहने वाला है।

6- सतपुड़ा नेशनल पार्क (Satpura National Park)

ये होशंगाबाद (अब नर्मदापुरम) जिले में स्थित है। जो नर्मदा और ताप्ती नदी के किनारों पर बना हुआ है, साथ ही सतपुड़ा के घने जंगलों से घिरा हुआ है। बेहद खूबसूरत वादियों के बीच बना सतपुड़ा नेशनल पार्क कुदरत का अनमोल खजाना है।

इस जंगल सफारी के दौरान आपको बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, नीलगाय, शाही बुलबुल,लोमड़ी, साही, विशाल गिलहरी, भालू समेत कई जानवर और खूबसूरत बर्ड्स वॉचिंग देखने को मिलेंगे। सतपुड़ा नेशनल पार्क में आस पास बेहद खूबसूरत जगह हैं जिनमें से पंचमढ़ी एक है जिसे मध्यप्रदेश का स्वर्ग कहा जाता है।

7- संजय गांधी नेशनल पार्क(Sanjay National Park)

संजय गांधी नेशनल पार्क छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में स्थित है। साल 1983 में इसे नेशनल पार्क का दर्जा दिया गया। ये पार्क बाघों की छोटी आबादी के लिए प्रसिद्ध है।

Image Credit: MP Tourism
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साल 2000 में में ये सबसे बड़ा नेशनल पार्क कहा जाता था लेकिन विभाजन के बाद इसका एक बड़ा हिस्सा छत्तीसगढ़ राज्य में चला गया। जहां इसे गुरु घासीदास राष्ट्रीय पार्क कहा गया।

2008 में इसे टाइगर प्रोजेक्ट में शामिल किया गया। सोन नदी पर बना राष्ट्रीय घड़ियाल अभ्यारण भी यहीं पर स्थित है। यहां आपको साल के पेड़ के जंगल देखने को मिलेंगे।

8- माधव नेशनल पार्क शिवपुरी (Madhav National Park)

माधव नेशनल पार्क शिवपुरी शहर के पास स्थित है और ऊपरी विंध्य पहाड़ियों का एक हिस्सा है। ये पार्क ग्वालियर के मुगल सम्राटों और महाराजाओं का शिकारगाह हुआ करता था।

कहते हैं यहां से अकबर अपने लिए हाथियों को मंगवाया करता था। इसे 1958 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला था। इस जंगल में नीलगाय, चिंकारा और चौसिंगा और हिरण, सांभर, तेंदुए समेत कई जानवर देखने को मिलेंगे।

आप भोपाल, दिल्ली, इंदौर और झांसी होते हुए शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क घूमने के लिए फैमिली के साथ जा सकते हैं।

9- वन विहार (भोपाल)
इसके अलावा आप मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के वन विहार को भी घूमने के लिए जा सकते हैं जिसमें जंगल सफारी की सुविधा शुरू हो चुकी है यहां भी खूबसूरत पहाड़ियों के बीच टाइगर, व्हाइट टाइगर और अन्य जंगली जीव देखने का मौका मिल जाएगा।

Image Credit: MP Tourism
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वैसे नेशनल पार्क घूमने से पहले आप एमपी टूरिज्म की ऑफिशियल पेज पर जाकर जानकारी ले सकते हैं। नेशनल पार्क घूमने के लिए सबसे अच्छा वक्त सर्दियों का होता है क्योंकि इस वक्त टाइगर गुनगुनी धूप सेंकने के लिए अपने इलाके से बाहर निकलते हैं। इन्हें आप करीब से देख सकते हैं और फोटो खींच सकते हैं ।

याद रखें कि जंगल सफारी के दौरान वहां की गाइडलाइन का पालन जरूर करें। हमेशा अपने साथ वहां के स्थानीय और टूरिस्ट गाइड को जरूर लेकर जाएं। जो घूमने में आपकी मदद कर सकते हैं।

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