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होलाष्टक के दौरान वर्जित हैं शुभ कार्य, फिर क्यों हो रही हैं शादियां? जानिए वजह

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Marriage In Holashtak: वैसे तो होलाष्टक के दौरान हर तरह के शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं और इस दौरान सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।

मगर साल 2025 में होलाष्टक के दौरान भी विवाह हो रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों।

जिस होलाष्टक के आठ दिनों की अवधि को अशुभ माना जाता है, उसमें शादी जैसा शुभ कार्य क्यों हो रहा है? आइए जानते हैं इसकी वजह…

गुरू और शुक्र तारा बने विवाह का कारण

दरअसल हिंदू धर्म में शादी के लिए गुरु और शुक्र तारे का उदित होना बेहद जरूरी है।

भले ही अभी होलाष्टक चल रहे हो लेकिन गुरु और शुक्र तारा उदित अवस्था में हैं।

इसके अलावा सूर्य भी कुंभ राशि में हैं, जिस कारण विवाह में रोक नहीं है।

ऐसे में परंपरा के अनुसार विधिवत शादियां हो रही है।

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होलाष्टक के दौरान विवाह मुहूर्त

होलाष्टक 7 मार्च को शुरू हुए थे और 13 मार्च को खत्म होंगे।

8 और 9 मार्च को कई जगह बारात निकलने का दौर जारी रहा।

12 मार्च को भी कई शादियां होगी क्योंकि इसके बाद खरमास लगने की वजह से एक महीने तक शादियां नहीं होगी।

बाकी शुभ कार्यों पर रोक जारी

हालांकि शादी को छोड़ बाकी हर तरह के शुभ कार्यों पर रोक लगी रहेगी। जैसे- गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण या भूमि पूजन।

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होलाष्टक के दौरान क्यों नहीं होते शुभ काम

होलाष्टक के दौरान सभी ग्रह उग्र स्वभाव में रहते हैं, इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। जिसके कारण शुभ कार्यों का अच्छा फल नहीं मिल पाता है।

होलाष्टक के दौरान मौसम के परिवर्तन के कारण मन अशांत, उदास और चंचल रहता है।

इस दौरान मन से किए हुए कार्यों के परिणाम शुभ नहीं होते हैं। इसलिए जैसे ही होलाष्टक समाप्त होता है, लोग होली खेलकर खुशियां मनाते हैं।

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