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दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए सरकार सख्त, इतने साल पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल

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Government on Delhi pollution: दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाने का फैसला किया है।

इसके तहत 1 अप्रैल से 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा।

इसी के साथ 90% सार्वजनिक CNG बसों को हटाकर उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी।

15 साल पुराने वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं

देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते एयर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए बीजेपी सरकार सख्त रुख अपना रही है।

शनिवार को पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने अधिकारियों के साथ अहम बैठक की।

मंत्री सिरसा ने ऐलान किया कि 1 अप्रैल 2025 से 15 साल पुराने पेट्रोल और डीजल नहीं मिलेगा।

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा

राजधानी के सभी पेट्रोल पंप और सीएनजी स्टेशनों पर विशेष उपकरण लगाए जाएंगे।

यह गैजेट्स इन वाहनों की पहचान करेंगे और उन्हें फ्यूल देने से मना कर देंगे।

15 साल पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल
15 साल पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल

मंत्री सिरसा ने साफ किया कि इस फैसले की जानकारी जल्द ही केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय को दी जाएगी।

साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दिल्ली में प्रवेश करने वाले भारी वाहनों की भी सख्त जांच हो।

केवल नियमों के अनुरूप ही भारी वाहन दिल्ली में आ सकेंगे।

CNG बसों की विदाई, इलेक्ट्रिक बसों का दौर

दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को क्लीन और ग्रीन बनाने की दिशा में भी बड़ा फैसला लिया गया है।

मंत्री सिरसा ने कहा कि दिसंबर 2025 तक 90% सार्वजनिक CNG बसों को हटाकर उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी।

इससे दिल्ली में वाहनों से होने वाले प्रदूषण में बड़ी कमी लाने की उम्मीद है।

CNG बसों की विदाई, इलेक्ट्रिक बसों का दौर
CNG बसों की विदाई, इलेक्ट्रिक बसों का दौर

वहीं दिल्ली में हाई राइज बिल्डिंग्स, होटल्स और बड़े कमर्शियल परिसरों में अब एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा।

निर्माण स्थलों पर भी इस नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा, ताकि निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल को तुरंत काबू किया जा सके।

नई बनने वाली ऊंची इमारतों के लिए भी पर्यावरण नियमों को और सख्त किया जाएगा।

क्लाउड सीडिंग और ग्रीन दिल्ली अभियान

दिल्ली में खाली पड़ी जमीनों पर मिनी फॉरेस्ट (छोटे जंगल) तैयार किए जाएंगे, जिससे हरित क्षेत्र बढ़े और प्रदूषण पर काबू पाया जा सके।

इसके अलावा, यूनिवर्सिटी के छात्रों को बड़े स्तर पर वृक्षारोपण अभियान से जोड़ा जाएगा।

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने की स्थिति में क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश का सहारा लेने का भी फैसला किया है।

क्लाउड सीडिंग और ग्रीन दिल्ली अभियान
क्लाउड सीडिंग और ग्रीन दिल्ली अभियान

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली के बड़े औद्योगिक संस्थानों और फैक्ट्रियों को नई एंटी-पॉल्यूशन टेक्नोलॉजी अपनाने और आधुनिक उपकरण लगाने के निर्देश दिए जाएंगे।

दिल्ली में धूल, वाहनों और निर्माण कार्यों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार स्पेशल मॉनिटरिंग टीम भी बनाएगी।

ये टीम 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों की पहचान कर उन्हें सड़कों से हटाने का काम करेगी।

नवंबर 2024 में दिल्ली का AQI 1000 पार

नवंबर 2024 में दिल्ली के कई इलाकों में AQI 1000 से ज्यादा दर्ज किया गया था, जो ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में आता है।

सर्दियों में पराली, वाहन और औद्योगिक प्रदूषण मिलकर दिल्ली की हवा को बेहद खतरनाक बना देते हैं।

इसी स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने अब कड़े फैसलों पर अमल शुरू कर दिया है।

नवंबर 2024 में दिल्ली का AQI 1000 के पार
नवंबर 2024 में दिल्ली का AQI 1000 के पार

पर्यावरण मंत्री सिरसा ने कहा कि दिल्ली में तीन विषय हैं- एक डस्ट प्रदूषण, एक व्हीकल प्रदूषण और एक कंस्ट्रक्शन प्रदूषण।

पिछली सरकार ने इन प्रदूषणों रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए।

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा

AAP ने केंद्र सरकार से मिले फंड का भी सही इस्तेमाल नहीं हुआ।

जिससे दिल्लीवासियों को हर साल जहरीली हवा में सांस लेना पड़ता है।

अब दिल्ली सरकार ने यह संकल्प लिया है कि पहले दिल्ली का अपना 50% से ज्यादा प्रदूषण खुद कम किया जाएगा।

इसके बाद पड़ोसी राज्यों से भी इस दिशा में सहयोग की मांग की जाएगी।

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