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बिजली गुल होने पर नहीं चला जनरेटर तो अस्पताल के गेट पर मोबाइल फोन की रोशनी में कराई डिलीवरी

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Delivery in Torch Light: सरकार बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चाहे कितने भी बड़े-बड़े दावे क्यों न कर लें। कुछ न कुछ ऐसा जरूर हो जाता है जो इन दावों की पोल खोल देता है।

ऐसा ही कुछ हुआ है सतना के सरकारी अस्पताल में जहां एक महिला की डिलीवरी मोबाइल फोन की टॉर्च की रोशनी में अस्पताल के गेट पर करवाई गई।

इस घटना ने प्रशासन की बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बारिश के कारण गई बिजली, नहीं चला जनरेटर

घटना रविवार की है। जानकारी के मुताबिक रामस्थान के भठिया गांव की रहने वाली सोनम कोल को जननी एक्सप्रेस से जिला अस्पताल लाया जा रहा था।

रात के वक्त जब एम्बुलेंस अस्पताल के मुख्य गेट पर पहुंची, तभी सोनम को प्रसाव पीड़ा हुआ और उसने बच्चे को जन्म दिया।

परिजनों ने डिलीवरी के तुरंत बाद लेबर रूम में जाकर स्टाफ को सूचित किया।

इस समय बारिश की वजह से बिजली गुल थी।

अस्पताल प्रशासन का दावा है कि आपातकालीन स्थिति के लिए जनरेटर और सोलर पैनल की व्यवस्था है।

लेकिन घटना के समय न तो जनरेटर चालू था और न ही सोलर पैनल से बिजली आ रही थी।

घटना की जांच कराई जाएगी- सिविल सर्जन

सतना जिला अस्पताल के सिविल सर्जन मनोज शुक्ला ने कहा कि अस्पताल में अलग-अलग स्थानों के लिए जनरेटर लगे हैं।

उन्होंने कहा कि बिजली जाते ही जनरेटर चालू करने के सख्त निर्देश हैं।

व्यवस्था होने के बाद भी मोबाइल टॉर्च की रोशनी में क्यों डिलीवरी कराई गई, इस घटना की जांच कराई जाएगी।

कांग्रेस ने सरकार पर लगाए आरोप

घटना के वायरल होने के बाद विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है।

कांग्रेस प्रवक्ताओं ने इसे ‘शर्मनाक’ बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग की है।

वहीं सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन पर कार्रवाई की मांग की है।

ऐसे में ये सवाल होना लाजिमी है कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जननी सुरक्षा योजना, जननी एक्सप्रेस सेवा और मातृत्व वंदना जैसी योजनाओं का क्या फायदा जब अस्पतालों में बिजली, स्टाफ और उपकरण ही उपलब्ध नही हैं।

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