MP Weather Update: मध्य प्रदेश में इन दिनों मौसम ने करवट ले ली है।
एक साथ तीन मौसमी सिस्टम सक्रिय होने से प्रदेश के कई जिलों में आंधी, बारिश और गरज-चमक का दौर जारी है।
इस बदलाव का सीधा असर दिन के तापमान पर पड़ा है, जो कई शहरों में 23 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है।
दतिया, गुना, नौगांव और टीकमगढ़ जैसे शहरों में तो रात जैसी ठंड महसूस की जा रही है।
मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों के लिए 11 जिलों में बारिश का अलर्ट भी जारी किया है।
पिछले 24 घंटों में 35 जिलों में हुई बारिश
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के 35 से अधिक जिलों में बारिश दर्ज की गई।
जबलपुर और खरगोन क्षेत्र में सबसे अधिक, लगभग 1.8 इंच वर्षा दर्ज की गई।
दतिया में डेढ़ इंच, धार में 1 इंच, जबकि गुना और रीवा में पौन इंच के करीब बारिश हुई।
सागर, खंडवा, उमरिया, मंडला और पचमढ़ी जैसे इलाकों में भी अच्छी खासी बारिश देखी गई।
राजधानी भोपाल समेत ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, शिवपुरी जैसे प्रमुख शहरों में भी हल्की से मध्यम बारिश ने मौसम को सुहावना बना दिया।
हालांकि, इस बारिश ने किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है।
कई जिलों में खेतों में पानी भर जाने से खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिसके चलते किसानों की ओर से मुआवजे की मांग तेज हो गई है।
आज भी जारी रहेगा बारिश का सिलसिला, इन 11 जिलों में अलर्ट
मौसम विभाग का अनुमान है कि शुक्रवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में बदलाव वाला मौसम बना रहेगा।
विभाग ने झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली जिलों के लिए हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी जारी की है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, उत्तरी भारत में बना चक्रवाती हवाओं का दबाव और एक अन्य मौसमी प्रणाली इस बारिश के लिए जिम्मेदार है।
अगले दो दिन ऐसा रहेगा मौसम…
1 नवंबर को हल्की बारिश के आसार
- भारी बारिश का यलो अलर्ट
अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर और शहडोल।
- हल्की बारिश का अलर्ट
मध्यप्रदेश के बाकी जिलों में भी बादल और बूंदाबांदी वाला मौसम रहेगा।
2 नवंबर को भी हल्की बारिश
- भारी बारिश का यलो अलर्ट
झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी और अनूपपुर।
- हल्की बारिश का अलर्ट
मध्यप्रदेश के बाकी जिलों में भी बादल और बूंदाबांदी वाला मौसम रहेगा।
मानसून की विदाई, लेकिन बारिश का दौर बरकरार
मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि अब मानसून पूरी तरह से मध्य प्रदेश से विदा हो चुका है।
इस साल मानसून 16 जून को प्रदेश में दाखिल हुआ था और 13 अक्टूबर को लौट गया, यानी करीब 3 महीने 28 दिनों तक सक्रिय रहा।
इसके बावजूद, बारिश का दौर जारी है और अक्टूबर का आखिरी सप्ताह भी वर्षा युक्त ही रहने का अनुमान है।
इसके बाद ही ठंड का प्रकोप बढ़ने लगेगा।
सर्दियों में पड़ सकती है कड़ाके की ठंड
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि इस साल नवंबर से जनवरी के बीच कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाली सर्दी 2010 के बाद सबसे ज्यादा ठंडी हो सकती है और इसका असर फरवरी तक रह सकता है।
इसके अलावा, इस सर्दी में सामान्य से अधिक बारिश होने की भी संभावना है, क्योंकि उत्तर-पश्चिम भारत में पश्चिमी विक्षोभ अधिक संख्या में सक्रिय रहेंगे।
‘ला नीना’ की स्थिति के विकसित होने की पुष्टि भी इस पूर्वानुमान को बल देती है।
मानसून सीजन रहा सामान्य से बेहतर
इस साल मानसून सीजन में प्रदेश को सामान्य से 15% अधिक वर्षा मिली, जिसे ‘हैप्पी एंडिंग’ कहा जा सकता है।
प्रदेश के 50 जिलों ने अपना मानसूनी बारिश कोटा पूरा कर लिया है।
ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में तो सामान्य से दोगुनी बारिश दर्ज की गई।
गुना सबसे अधिक वर्षा (65.7 इंच) वाला जिला रहा, जबकि श्योपुर में सामान्य से 216% अधिक बारिश हुई।
हालांकि, शाजापुर एकमात्र ऐसा जिला रहा, जहां सामान्य से काफी कम, केवल 81% बारिश ही दर्ज हो सकी।



