Transgender in Youth Congress: मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस के चुनाव में एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है।
इस बार प्रदेश महासचिव का पद ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आरक्षित किया गया है।
यह कदम समावेशी राजनीति को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय पहल है।
चुनाव प्रक्रिया के तहत 13 मई 2024 को नामांकन की अंतिम तिथि है।
चुनाव प्रक्रिया और नामांकन
यूथ कांग्रेस चुनाव के लिए नामांकन 13 मई शाम 5 बजे तक जमा किए जा सकेंगे।
पहले यह प्रक्रिया 27 अप्रैल तक पूरी होनी थी, लेकिन पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतों के कारण इसे आगे बढ़ा दिया गया।
क्राइटेरिया से बाहर 43 कार्यकर्ताओं को मिली छूट
यूथ कांग्रेस के नियमों के अनुसार, प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार का पहले से किसी पद पर होना जरूरी है
हालांकि, कई कार्यकर्ता जो इस शर्त को पूरा नहीं करते थे, उन्होंने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई।
ऐसे में उनका इंटरव्यू लिया गया और 43 कार्यकर्ताओं को “हाई परफॉर्मर” घोषित करते हुए चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी गई।
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पात्रता मानदंड
- आयु सीमा: 18 से 35 वर्ष (जन्म तिथि 27 अप्रैल 1990 से 26 अप्रैल 2007 के बीच)।
- नागरिकता: भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- सदस्यता: किसी अन्य राजनीतिक दल से न जुड़ा हो।
- दस्तावेज: जन्म प्रमाण पत्र के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट या 10वीं की मार्कशीट जमा करनी होगी।
चुनाव प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी
- सदस्यता शुल्क: ₹50 (IYC ऐप के माध्यम से)।
- वोटिंग प्रक्रिया: ब्लॉक और विधानसभा स्तर पर कम से कम 10 वोट, जबकि जिला और प्रदेश स्तर पर 20 वोट जरूरी हैं।
पद आवंटन:
- ब्लॉक समिति: 17 पद
- विधानसभा समिति: 27 पद
- जिला समिति: 31 पद (अध्यक्ष + 30 सदस्य)
- प्रदेश समिति: 61 पद (अध्यक्ष + 60 सदस्य)
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ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आरक्षण का महत्व
- यह फैसला यूथ कांग्रेस की समावेशी नीति को दर्शाता है।
- ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्यधारा की राजनीति में लाने के लिए यह एक बड़ा कदम है।
- इससे समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व मिलेगा और युवाओं में विश्वास बढ़ेगा।
आगे की प्रक्रिया
नामांकन के बाद स्क्रूटनी होगी, जिसमें दस्तावेजों और आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जाएगी।
चुनाव परिणाम के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चयन केंद्रीय नेतृत्व द्वारा किया जाएगा।
मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस का यह चुनाव न केवल युवाओं के लिए एक बड़ा मौका है, बल्कि यह सामाजिक समानता और युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ट्रांसजेंडर समुदाय को महासचिव पद का आरक्षण देना एक प्रगतिशील फैसला है, जो अन्य राजनीतिक दलों के लिए भी एक मिसाल कायम करता है।