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चोइथराम लहसुन मंडी में नई व्यवस्था लागू, किसान अब अपनी फसल बेचने के लिए स्वतंत्र

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Choithram Garlic Market: किसानों के लंबे संघर्ष और दबाव के बाद इंदौर की चोइथराम लहसुन मंडी में सरकारी नीलामी पर से प्रतिबंध हटा लिया गया है।

अब किसान अपनी फसल को स्वेच्छा से बेचने के लिए स्वतंत्र हैं।

किसान चाहे तो व्यापारियों को सीधे फसल बेच सकते हैं या फिर सरकारी नीलामी में भाग ले सकते हैं।

चोइथराम मंडी में सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू

इंदौर की चोइथराम लहसुन मंडी में बड़ा बदलाव हुआ है।

मंडी पर सरकारी नीलामी से प्रतिबंध हटने के बाग ले किसान अब सीधे व्यापार कर सकेंगे।

इस फैसले के बाद किसानों को अब पूरी आज़ादी है और वह अपनी फसल बेचने के लिए स्वतंत्र हैं।

किसान नेताओं हंसराज मंडलोई और विजय बंटी राठौर ने बताया कि इस निर्णय से किसानों को अपनी फसल की बेहतर कीमत मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।

किसानों ने यह मांग सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर की थी।

जिसमें स्पष्ट किया गया था कि मंडियों में किसान अपनी मर्जी से फसल बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे।

किसानों का संघर्ष रंग लाया, मंडी में नई व्यवस्था लागू

किसान नेताओं ने बताया कि यह बदलाव किसानों के संघर्ष का नतीजा है।

मंडी संघर्ष समिति के बैनर तले किसान नेताओं ने वर्षों तक आंदोलन किया।

6 जनवरी को किसानों ने मंडी सचिव नरेश परमार का घेराव किया था।

इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू नहीं किया गया तो बड़ा जनांदोलन खड़ा किया जाएगा।

किसानों की इस एकता के आगे मंडी बोर्ड को झुकना पड़ा।

अब चोइथराम लहसुन मंडी में किसान अपनी फसल को बेहतर दाम पर बेच सकेंगे।

यह निर्णय व्यापारियों और किसानों के बीच सीधा व्यापार सुनिश्चित करेगा और मंडी की पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगा।

किसान नेताओं का कहना है कि यह फैसला न केवल चौइथराम मंडी के किसानों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के किसानों के लिए एक प्रेरणा है।

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